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कौन हैं मां काली, सनातन धर्म में क्यों होती है इनकी पूजा

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में पूजा पाठ और ईश्वर भक्ति को महत्वपूर्ण माना जाता है धार्मिक तौर पर देखा जाए तो कई सारे देवी देवता है जिनकी पूजा आराधना का विधान है लेकिन आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा माता काली के विशेष में बता रहे है ऐसे कई लोग है जो देवी काल की उपासना करते है मगर बहुत कम ही लोगों को माता काली के विशेष में अधिक जानकारी है तो आज हम आपको महाकाली के बारे में बता रहे है तो आइए जानते है। 

धर्म और शास्त्रों की मानें तो मां काली, मां पार्वती और माता सीता का रौद्र या क्रोधित रूप मानी जाती है वे शिव के रुद्रावतार महाकाल की पत्नी है असल में माता काली और महाकाल दोनों ही निराकार रूप में है और उनके पिंडी रूप की पूजा होती है लेकिन आधुनिक युग में माता काली को रूप रंग दे दिया गया है और उनके इसी रूप की लोग आराधना व पूजा करते है, लेकिन प्राचीन मंदिरों में आज भी माता की प्रतिमा नहीं बल्कि पिंडी रूप में पूजा होती है। 

धार्मिक तौर पर देवी मां काली के पैरों के नीचे शिव जी का रूप सबसे अधिक प्रचलित माना जाता है मान्यता है कि रक्तबीज राक्षस का वध करने के लिए जब माता पार्वती ने मां काली का रूप रखा तो युद्ध के दौरान माता काली ने रक्तबीज का वध कर दिया।

मगर राक्षस के वध के बाद भी माता का क्रोध शांत नहीं हो रहा था तब देवी देवताओं के आह्वान पर शिव जी उन्हें रोकने के लिए नीचे लेट गए और काली ने उन पर अपना पैर रख दिया इसके बाद माता काली शांत हुई, देश में ऐसे कई मंदिर है जहां पर मां काली और शिव शंकर का यह रूप देखने को मिलता है मान्यता है कि देवी काली की उपासना करने से भक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते है और भय व शत्रु पर विजय मिलती है।