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समय क्या है और क्या ये सच में काल्पनिक है

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: समय हर मनुष्य के लिए अहम होता है ये मानव जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है जैसे पृथ्वी 24 घंटे का दिन रहता है तो दूसरे ग्रहों पर अलग अलग घंटे का दिन होता है और कई जगह पर यानी कई ग्रह ऐसे भी हैं जहां पर 400 घंटे का समय रहता है अगर समय काल्पनिक नहीं होता तो सभी जगह पर समय एक जैसा ही होता मगर ऐसा कुछ भी नहीं है इससे यह तो स्पष्ट हो जाता है कि समय काल्पनिक है और सापेक्ष है

यानी किसी के अधीन है अगर वक्त किसी के हाथ नहीं होता है तो हर वक्त हर स्थान एक ही स्थिति का निर्माण होता है इससे यह प्रमाणित होता है कि वक्त सापेक्ष है क्योंकि आइंस्टाइन ने भी कहा है कि जो भी द्रव्यमान है उनका गुरुत्वाकर्षण रहता है और इसी कारण ही समय का अस्तित्व प्रकट होता है तो आज हम अपने इस लेख में इसी पर चर्चा कर रहे है तो आइए जानते हैं। 

आध्यात्मिक तौर पर मापदंड होने के कारण समय काल्पनिक है और कुछ भी नहीं है जबकि ब्रह्मांड में समय नाम की कोई चीज उपलब्ध नहीं है जबकि वैज्ञानिक कहते हैं कि सृष्टि का जन्म हुआ उसको 13.6 खरब साल हुए है मगर यह गणना हम पृथ्वी पर आधारित होकर करते हैं इसलिए हमें 13 पॉइंट 6 खबर साल दिखाई देते हैं अगर हम गुरु ग्रह पर जाए तो, पृथ्वी के 12 साल के करीब बृहस्पति ग्रह का एक वर्ष रहता है तो क्या हम वहां से इस बात को कह सकते हैं कि सृष्टि का जन्म हुआ 13 पॉइंट 6 खरब साल हुएजी नहीं इस बात को हम नहीं कह सकते हैं

ऐसा ही दूसरे ग्रह पर भी होता है जिस ग्रह का द्रव्यमान पृथ्वी से कम है वहां पर वह गणना बढ़ जाती है और जहां पर पृथ्वी से अधिक द्रव्यमान है वहां पर यह गणना कम भी हो जाएगी। तो ऐसे कई तारे हमारे ब्रह्मांड में है जो सूर्य से भी लाखों गुना अधिक बड़े हैं जहां पर एक साल का अर्थ है पृथ्वी के 10000000 साल तो क्या हम इस बात को स्वीकार कर सकते हैं कि सृष्टि का जनम 13 पॉइंट 6 खरब साल पहले हुआ था इसलिए समय सापेक्ष है और जो चीज सापेक्ष रहती है स्मरण रखें वह सभी चीजें काल्पनिक ही होती है इसलिए समय भी काल्पनिक है।