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आखिर क्या है जीवन और मृत्यु से जुड़ा रहस्य

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: इस धरती पर जिसने भी जन्म लिया है उसकी मृत्यु निश्चित है और यह कटु सत्य है इसको कोई भी मिटा नहीं सकता है लेकिन अगर व्यक्ति को जीवन के रहस्यों के बारे में जानना है तो उसे रोजाना एक नया जन्म लेना पड़ेगा।

कहने का अर्थ यह है कि मनुष्य को किसी न किसी रूप में अपना सुधार करने के लिए प्रतिदिन प्रयास करना जरूरी है, धार्मिक और आध्यात्मिक तौर पर जीवन और मृत्यु के विषय में जानने के लिए एक ही मार्ग है और वह ध्यान मार्ग है, तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा जीवन मृत्यु से जुड़े रहस्य के बारे में बता रहे है तो आइए जानते है। 

आध्यात्मिक तौर पर देख जाए तो व्यक्ति जीवन और मृत्यु में निरंतर जन्म लेते रहते है, मृत्यु एक बहुत गलत प्रयुक्त नाम हे क्योंकि मृत्यु है ही नहीं, जब​ मनुष्य जीवन से थक जाता है तो वह अपने शरीर रूपी ऊपरी चोले को उतार कर सूक्ष्म जगत में वापस चले जाते है यह भी कहा जा सकता है कि मृत्यु से केवल भौतिक शरीर का अंत हो जाता है मगर अमर आत्मा मृत नहीं हो सकती है हर रात नींद में आत्मा भौतिक शरीर की चेतना के बिना रहती है लेकिन यह मृत नहीं मानी जाती है। 

मृत्यु बस केवल एक लंबी निद्रा है जिसमें आत्मा भौतिक शरीर की चेतना के बिना, सूक्ष्म शरीर में वास करती है जब मनुष्य सोता है तो वह मरा नहीं होता है और न ही वह पूरी तरह से अचेत होता है क्योंकि जब मनुष्य जागता है तो उसे इस बात का ध्यान रहता है कि उसे अच्छी नींद आई है या नहीं। ठीक इसी तरह से मृत्यु के बाद की अवस्था में भी व्यक्ति मरता नहीं है बल्कि उसका शरीर नष्ट हो जाता है और आत्मा दूसरा शरीर धारण कर फिर इस जगत में जन्म लेती है और यही चक्र जीवन भर चलता रहता है।