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कर्ज से छुटकारा पाने के लिए बुधवार को करें ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का पाठ

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिनों को किसी न किसी देवी देवता की पूजा के लिए समर्पित किया गया है वही बुधवार का दिन भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना के लिए बेहद ही खास होता है इस दिन गणेश भगवान की पूजा करना श्रेष्ठ माना जाता है श्री गणेश के भक्त बुधवार ​के दिन विधि विधान से गणपति की पूजा करते हैं और उपवास भी रखते हैं ऐसा कहा जाता है कि अगर आज के दिन पूरी निष्ठा भाव से श्री गणेश की पूजा की जाए तो भगवान प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं

वही अधिकतर लोगों को अपने जीवन में किसी न किसी कारण कर्ज लेना पड़ता है कर्ज लेना तो आसान होता है लेकिन इसे चुकाना बड़ा ही मुश्किल होता है ऐसे में ऋण से छुटकारा पने के लिए ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र का नियमित पाठ करने से भक्त को कर्ज चुकाने में आसानी होती है साथ ही धन अर्जित करने के अन्य कई साधन भी निकल आते हैं, तो आज हम आपके लिए लेकर आए है ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का पाठ। 

ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र—

॥ ध्यान ॥
ॐ सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम् ।
ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम् ॥

॥ मूल-पाठ ॥
सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजित: फल-सिद्धए ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

त्रिपुरस्य वधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चित: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

हिरण्य-कश्यप्वादीनां वधार्थे विष्णुनार्चित: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

महिषस्य वधे देव्या गण-नाथ: प्रपुजित: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

तारकस्य वधात् पूर्वं कुमारेण प्रपूजित: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

भास्करेण गणेशो हि पूजितश्छवि-सिद्धए ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

शशिना कान्ति-वृद्धयर्थं पूजितो गण-नायक: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

पालनाय च तपसां विश्वामित्रेण पूजित: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

इदं त्वृण-हर-स्तोत्रं तीव्र-दारिद्र्य-नाशनं,
एक-वारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं सामहित: ।
दारिद्र्यं दारुणं त्यक्त्वा कुबेर-समतां व्रजेत् ॥