कल से शुरू हो रहा पौष का महीना, जानिए इस माह से जुड़े जरूरी नियम
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिदू धर्म में वैसे तो हर माह को महत्वपूर्ण बताया गया है लेकिन पौष का महीना इन सभी में खास होता है धार्मिक पंचांग के अनुसार इस साल पौष मास का आरंभ कल यानी 9 दिसंबर दिन शुक्रवार से हो रहा है ये पंचांग का दसवां महीना माना जाता है इस महीने में पिंडदान, श्राद्ध कर्म, तर्पण आदि करना उत्तम होता है पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान धर्म और अनुष्ठान करने और पितृदोष को दूर करने के लिए इस माह कई तरह के उपाय व पूजन भी किए जाते हैं
पौष का महीना सूर्यदेवता की पूजा अर्चना को समर्पित किया गया है इस महीने सूर्य भगवान की आराधना करने से आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है ज्योतिषशास्त्र में इस महीने से जुड़े कई नियम बताए गए है जिनका पालन करना जरूरी होता है वरना व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है तो आज हम आपको इन्हीं नियमों के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
पंचांग के अनुसार पौष के महीने का आरंभ कल यानी 9 दिसंबर से हो रहा है जो 7 जनवरी को समाप्त हो जाएगा। इस बीच मासिक शिवरात्रि 21 दिसंबर और पौष अमावस्या 23 दिसंबर को पड़ेगी। इस माह को पवित्र माना गया है इस महीने श्राद्ध तर्पण व पिंडदान किया जाता है लेकिन मांसाहार या शराब का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए वरना पितृगण नाराज हो सकते हैं और जीवन में कई तरह की मुसीबतें भी आती है।
इस माह में बैंगन, मूली, मसूर दाल, फूल गोभी, उड़द दाल नहीं खाना चाहिए ये सेहत पर बुरा असर डालते हैं इस महीने चीनी खाने से भी परहेज करना चाहिए वही आप पौष मास में गुड़ का सेवन करसकते हैं पौष के महीने में 16 दिसंबर से खरमास आरंभ हो जाएगा। खरमास के दिनों में किसी भी तरह का शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है ऐसे में 16 दिसंबर से 15 जनवरी तक इन कार्यों को भूलकर भी न करें वही मकर संक्रांति के बाद से ही शुभ कार्य फिर से आरंभ हो जाएंगे। इस माह सूर्य साधना उत्तम फल प्रदान करती है।