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सोमवार पूजा में करें शिव नामावली स्तोत्र का पाठ, भोलेनाथ होंगे प्रसन्न

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्कः हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा आराधना को समर्पित होता है वही सोमवार का दिन भगवान शिव शंकर की साधना के लिए बेहद ही शुभ और श्रेष्ठ माना जाता है इस दिन भक्त भगवान की विधिवत पूजा करते हैं और उपवास भी रखते हैं

ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त आज के दिन पूरी निष्ठा और विश्वास के साथ शिव पूजा और उपवास करता है साथ ही शिव शतनाम नामावली स्तोत्र का पाठ करता है भगवान उससे प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं और भक्तों के जीवन में आने वाले सभी संकट दूर करते हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए है शिव नामावली स्तोत्र पाठ, तो आइए जानते हैं। 
 
शव नामावली स्तोत्र-

ॐ शिवाय नमः ॥
ॐ महेश्वराय नमः ॥
ॐ शंभवे नमः ॥
ॐ पिनाकिने नमः ॥
ॐ शशिशेखराय नमः ॥
ॐ वामदेवाय नमः ॥
ॐ विरूपाक्षाय नमः ॥
ॐ कपर्दिने नमः ॥
ॐ नीललोहिताय नमः ॥
ॐ शंकराय नमः ॥ १० ॥
ॐ शूलपाणये नमः ॥
ॐ खट्वांगिने नमः ॥
ॐ विष्णुवल्लभाय नमः ॥
ॐ शिपिविष्टाय नमः ॥
ॐ अंबिकानाथाय नमः ॥
ॐ श्रीकंठाय नमः ॥
ॐ भक्तवत्सलाय नमः ॥
ॐ भवाय नमः ॥
ॐ शर्वाय नमः ॥
ॐ त्रिलोकेशाय नमः ॥ २० ॥

ॐ शितिकंठाय नमः ॥
ॐ शिवाप्रियाय नमः ॥
ॐ उग्राय नमः ॥
ॐ कपालिने नमः ॥
ॐ कौमारये नमः ॥
ॐ अंधकासुर सूदनाय नमः ॥
ॐ गंगाधराय नमः ॥
ॐ ललाटाक्षाय नमः ॥
ॐ कालकालाय नमः ॥
ॐ कृपानिधये नमः ॥ ३० ॥

ॐ भीमाय नमः ॥
ॐ परशुहस्ताय नमः ॥
ॐ मृगपाणये नमः ॥
ॐ जटाधराय नमः ॥
ॐ क्तेलासवासिने नमः ॥
ॐ कवचिने नमः ॥
ॐ कठोराय नमः ॥
ॐ त्रिपुरांतकाय नमः ॥
ॐ वृषांकाय नमः ॥
ॐ वृषभारूढाय नमः ॥ ४० ॥

ॐ भस्मोद्धूलित विग्रहाय नमः ॥
ॐ सामप्रियाय नमः ॥
ॐ स्वरमयाय नमः ॥
ॐ त्रयीमूर्तये नमः ॥
ॐ अनीश्वराय नमः ॥
ॐ सर्वज्ञाय नमः ॥
ॐ परमात्मने नमः ॥
ॐ सोमसूर्याग्नि लोचनाय नमः ॥
ॐ हविषे नमः ॥
ॐ यज्ञमयाय नमः ॥ ५० ॥

ॐ सोमाय नमः ॥
ॐ पंचवक्त्राय नमः ॥
ॐ सदाशिवाय नमः ॥
ॐ विश्वेश्वराय नमः ॥
ॐ वीरभद्राय नमः ॥
ॐ गणनाथाय नमः ॥
ॐ प्रजापतये नमः ॥
ॐ हिरण्यरेतसे नमः ॥
ॐ दुर्धर्षाय नमः ॥
ॐ गिरीशाय नमः ॥ ६० ॥

ॐ गिरिशाय नमः ॥
ॐ अनघाय नमः ॥
ॐ भुजंग भूषणाय नमः ॥
ॐ भर्गाय नमः ॥
ॐ गिरिधन्वने नमः ॥
ॐ गिरिप्रियाय नमः ॥
ॐ कृत्तिवाससे नमः ॥
ॐ पुरारातये नमः ॥
ॐ भगवते नमः ॥
ॐ प्रमधाधिपाय नमः ॥ ७० ॥

ॐ मृत्युंजयाय नमः ॥
ॐ सूक्ष्मतनवे नमः ॥
ॐ जगद्व्यापिने नमः ॥
ॐ जगद्गुरवे नमः ॥
ॐ व्योमकेशाय नमः ॥
ॐ महासेन जनकाय नमः ॥
ॐ चारुविक्रमाय नमः ॥
ॐ रुद्राय नमः ॥
ॐ भूतपतये नमः ॥
ॐ स्थाणवे नमः ॥ ८० ॥

ॐ अहिर्भुथ्न्याय नमः ॥
ॐ दिगंबराय नमः ॥
ॐ अष्टमूर्तये नमः ॥
ॐ अनेकात्मने नमः ॥
ॐ स्वात्त्विकाय नमः ॥
ॐ शुद्धविग्रहाय नमः ॥
ॐ शाश्वताय नमः ॥
ॐ खंडपरशवे नमः ॥
ॐ अजाय नमः ॥
ॐ पाशविमोचकाय नमः ॥ ९० ॥

ॐ मृडाय नमः ॥
ॐ पशुपतये नमः ॥
ॐ देवाय नमः ॥
ॐ महादेवाय नमः ॥
ॐ अव्ययाय नमः ॥
ॐ हरये नमः ॥
ॐ पूषदंतभिदे नमः ॥
ॐ अव्यग्राय नमः ॥
ॐ दक्षाध्वरहराय नमः ॥
ॐ हराय नमः ॥ १०० ॥

ॐ भगनेत्रभिदे नमः ॥
ॐ अव्यक्ताय नमः ॥
ॐ सहस्राक्षाय नमः ॥
ॐ सहस्रपादे नमः ॥
ॐ अपपर्गप्रदाय नमः ॥
ॐ अनंताय नमः ॥
ॐ तारकाय नमः ॥
ॐ परमेश्वराय नमः ॥ १०८ ॥