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अनजाने भय से मुक्ति के लिए करें हरिद्रा गणेश कवच का पाठ

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्कः हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सप्ताह का तीसरा यानी की बुधवार का दिन गौरी पुत्र श्री गणेश की पूजा आराधना को समर्पित होता है इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा करना श्रेष्ठ माना जाता है कहा जाता है कि भक्त आज के दिन भगवान को प्रसन्न करने के लिए पूजा पाठ के साथ साथ उपवास भी रखते हैं

अगर आपको किसी भी तरह का अनजाना भय सता रहा है तो ऐसे में आप बुधवार के दिन श्री गणेश की पूजा के बाद पूरी निष्ठा और विश्वास से हरिद्रा गणेश कवच का पाठ करें इसके पाठ से अनजाने भय से आपको मुक्ति मिल जाएगी तो आज हम आपके लिए लेकर आए है गणेश कवच पाठ, तो आइए जानते हैं। 

श्री गणेश कवच पाठ-

ईश्वरउवाचरू
शृणु वक्ष्यामि कवचं सर्वसिद्धिकरं प्रिये ।
पठित्वा पाठयित्वा च मुच्यते सर्व संकटात् ॥१॥

अज्ञात्वा कवचं देवि गणेशस्य मनुं जपेत् ।
सिद्धिर्नजायते तस्य कल्पकोटिशतैरपि ॥ २॥

ॐ आमोदश्च शिरः पातु प्रमोदश्च शिखोपरि ।
सम्मोदो भ्रूयुगे पातु भ्रूमध्ये च गणाधिपः ॥ ३॥

गणाक्रीडो नेत्रयुगं नासायां गणनायकः ।
गणक्रीडान्वितः पातु वदने सर्वसिद्धये ॥ ४॥

जिह्वायां सुमुखः पातु ग्रीवायां दुर्मुखः सदा ।
विघ्नेशो हृदये पातु विघ्ननाथश्च वक्षसि ॥ ५॥

गणानां नायकः पातु बाहुयुग्मं सदा मम ।
विघ्नकर्ता च ह्युदरे विघ्नहर्ता च लिङ्गके ॥ ६॥

गजवक्त्रः कटीदेशे एकदन्तो नितम्बके ।
लम्बोदरः सदा पातु गुह्यदेशे ममारुणः ॥ ७॥

व्यालयज्ञोपवीती मां पातु पादयुगे सदा ।
जापकः सर्वदा पातु जानुजङ्घे गणाधिपः ॥ ८॥

हारिद्रः सर्वदा पातु सर्वाङ्गे गणनायकः ।
य इदं प्रपठेन्नित्यं गणेशस्य महेश्वरि ॥ ९॥

कवचं सर्वसिद्धाख्यं सर्वविघ्नविनाशनम् ।
सर्वसिद्धिकरं साक्षात्सर्वपापविमोचनम् ॥ १०॥

सर्वसम्पत्प्रदं साक्षात्सर्वदुःखविमोक्षणम् ।
सर्वापत्तिप्रशमनं सर्वशत्रुक्षयङ्करम् ॥ ११॥

ग्रहपीडा ज्वरा रोगा ये चान्ये गुह्यकादयः ।
पठनाद्धारणादेव नाशमायन्ति तत्क्षणात् ॥ १२॥

धनधान्यकरं देवि कवचं सुरपूजितम् ।
समं नास्ति महेशानि त्रैलोक्ये कवचस्य च ॥ १३॥

हारिद्रस्य महादेवि विघ्नराजस्य भूतले ।
किमन्यैरसदालापैर्यत्रायुर्व्ययतामियात् ॥ १४॥
॥ इति विश्वसारतन्त्रे हरिद्रागणेशकवचं सम्पूर्णम् ॥