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आज पूजा में पढ़ें श्री शनिदेव की आरती, हर संकट होंगे दूर

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिनों को किसी न किसी देवी देवता की पूजा आराधना को समर्पित किया गया है वही शनिवार का दिन भगवान शनिदेव की पूजा के लिए बेहद ही खास माना जाता है इस दिन शनि महाराज की पूजा करना श्रेष्ठ होता है

ऐसा कहा जाता है कि भक्त भगवान शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए आज के दिन पूजा पाठ के साथ साथ उपवास भी रखते हैं इस दिन अगर पूरी निष्ठा भाव से शनिदेव की आरती का पाठ किया जाए तो शनिदेव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं शनिदेव के प्रसन्न होने से भक्तों के जीवन में कोई भी संकट नहीं रह जाते हैं जीवन में सुख शांति और समृद्धि का आगमन होता है तो आज हम आपके लिए लेकर आए है शनिदेव की आरती। 

श्री शनिदेव आरती—

जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ।
अखिल सृष्टि में कोटि-कोटि जन,
करें तुम्हारी सेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥

जा पर कुपित होउ तुम स्वामी,
घोर कष्ट वह पावे ।
धन वैभव और मान-कीर्ति,
सब पलभर में मिट जावे ।
राजा नल को लगी शनि दशा,
राजपाट हर लेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥

जा पर प्रसन्न होउ तुम स्वामी,
सकल सिद्धि वह पावे ।
तुम्हारी कृपा रहे तो,
उसको जग में कौन सतावे ।
ताँबा, तेल और तिल से जो,
करें भक्तजन सेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥

हर शनिवार तुम्हारी,
जय-जय कार जगत में होवे ।
कलियुग में शनिदेव महात्तम,
दु:ख दरिद्रता धोवे ।
करू आरती भक्ति भाव से,
भेंट चढ़ाऊं मेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥

॥ श्री शनि देव आरती-2 ॥
चार भुजा तहि छाजै,
गदा हस्त प्यारी ।
जय शनिदेव जी ॥

रवि नन्दन गज वन्दन,
यम अग्रज देवा ।
कष्ट न सो नर पाते,
करते तब सेवा ॥
जय शनिदेव जी ॥

तेज अपार तुम्हारा,
स्वामी सहा नहीं जावे ।
तुम से विमुख जगत में,
सुख नहीं पावे ॥
जय शनिदेव जी ॥

नमो नमः रविनन्दन,
सब ग्रह सिरताजा ।
बन्शीधर यश गावे,
रखियो प्रभु लाजा ॥
जय शनिदेव जी ॥