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वैशाख पूर्णिमा पर लगने वाला है चंद्र ग्रहण, जानिए इसे क्यों कहा जाता है ब्लड मून

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म और ज्योतिषशास्त्र में ग्रहण को बेहद ही खास माना जाता है वही 30 अप्रैल को सूर्य ग्रहण के ठीक 15 दिन बाद चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है इस बार चंद्र ग्रहण 16 मई के दिन पड़ रहा है इस दिन वैशाख की पूर्णिमा तिथि भी है चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन ही लगता है

इस बार लगने वाला ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। इस दिन चंद्रमा लाल रंग में दिखाई देगा इसलिए इसे ब्लड मून के नाम से भी जाना जाता है तो आज हम आपको ब्लड मून कहां और कब दिखाई देगा इसके बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

16 मई को पड़ने वाला चंद्र ग्रहण इस बार 15 मई की रात 10 बजकर 28 मिनट पर शुरू होकर 16 मई को 1 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। इस बार का चंद्र ग्रहण दुनिया भर के कई हिस्सों में दिखाई देगा, लेकिन भारत में इसके दृश्य नहीं दिखाई देंगे। 16 मई को लगने जा रहा चंद्र ग्रहण दक्षिण अमेरिका और उत्तरी अमेरिका के पूर्वी भाग में देखा जा सकेगा। यूरोप और अफ्रीका के कुछ भागो में भी इसे देखा जा सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार जब चंद्र ग्रहण पर चंद्रमा पूर्ण ग्रहण लगता हे तो इसे ब्लड मून कहा जाता है इसमें चंद्रमा पूरे लाल रंग का होता है यह एक खगोलीय घटना होती है बता दें कि चंद्र ग्रहण तब लगता है

जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है और उसकी छाया चंद्रमा की रोशनी में बाधा उत्पन्न करती है जब चंद्रमा पृथ्वी के पास पहुंचता है तो उसका रंग गहरे लाल रंग का हो जाता है इसे ब्लड मून कहा जाता है। कहा जा रहा है कि साल का पहला चंद्र ग्रहण जो कि 16 मई को लगने जा रहा है भारत में दिखाई नहीं देगा और भारत में चंद्र ग्रहण दिखाई न देने के कारण इसका सूतक काल भी मान्य न हो। वैसे बता दें कि चंद्र ग्रहण के समय 9 घंटे पहले से ही सूतक काल शुरू हो जाता है बता दें कि चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन होता है और सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन होता है।