अगर कुंडली में हो ये योग, तो आयु पर मंडराता है खतरा
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हर किसी के जीवन में ज्योतिषशास्त्र और कुंडली विशेष महत्व रखते हैं वही ज्योतिष के अनुसार कुंडली को जातक के भूत, भविष्य और वर्तमान का आईना माना गया है कुंडली में ग्रहों की स्थिति को देखकर यह पता लगाया जा सकता है कि मनुष्य जीवन में क्या सुख दुख भोगेगा। किसी भी व्यक्ति का जीवन काल क्या है यह भी कुंडली के ग्रहों से पता लगाया जा सकता है ऐसे में आज हम आपको कुंडली में किस तरह अल्पायु योग बनता है इसके बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर लग्नेश कुंडली के छठे, आठवें या 12वें भाव में विराजमान है तो ऐसे में सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है साथ ही अगर कुंडली के आठवें भाव का स्वामी छठे या 12वें स्थान पर बैठ जाए तो ऐसे में आयु कम होती है इसके अलावा अगर लग्न भाव में सूर्य हो और उस पर पापी ग्रह की नजर पड़े तो जातक की आयु कम हो जाती हैं।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पापी ग्रह राहु केतु, शनि और मंगल कुंडली के तीसरे, छठे और 12वें भाव में हो तो ये मनुष्य को अल्पायु बना देते हैं इसके अलावा अगर दूसरा और 12 भाव में पापी ग्रह और लग्नेश कमजोर अवस्था में हो तो जातक की आयु कम हो जाती है
अगर किसी जातक का लग्नेश चंद्रमा है और वो अस्त हो या उस पर ग्रहण लगा हो तो ऐसा मनुष्य बहुत कम आयु का होता हैं। जिस मनुष्य की कुंडली का लग्नेश बहुत कमजोर होता है साथ ही उस पर सभी पापी ग्रहों की नजर रहती है और केंद्र में सभी पापी ग्रह बैठे हों, इसके अलावा किसी भी शुभ ग्रह की नजर उन पर ना पड़ रही हो तो ऐसे अल्पायु योग का निर्माण होता हैं।