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पहली बार रखने जा रहे हैं गुरुवार व्रत, तो जान लें इससे जुड़े जरूरी नियम

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म और शास्त्रों में हर दिन का अपना महत्व होता है सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित है और इस खास दिन उस देवता की पूजा से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती है वही गुरुवार का दिन श्री हरि विष्णु को समर्पित है जगत के पालनहार भगवान श्री विष्णु की कृपा पाने के लिए इस दिन विधि विधान के साथ पूजा की जाती है

इस दिन उपवास रखकर भगवान विष्णु से विशेष मनोकामना की जाती है। पूरी निष्ठा और भाव से व्रत रखने से व्यक्ति पर श्री हरि की कृपा बरसती है और उसकी सभी मनेाकामनाएं पूरी हो जाती है अगर आप पहली बार गुरुवार के व्रत नियमों का पालन कर रहे हैं तो पहले से ही इसके नियमों को जान लें व्रत के नियमों का सही से पालन करने पर ही व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है तो आज हम आपको गुरुवार व्रत से जुड़े नियम बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।  

गुरुवार व्रत से जुड़े नियम—
अगर आप पहली बार गुरूवार का व्रत रख रहे हैं तो इसकी पूर्ण जानकारी जरूरी है बता दें कि गुरुवार का व्रत पौष मास से शुरू करें इसके साथ ही पुष्य नक्षत्र में भी व्रत को शुरू किया जा सकता है किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से भी व्रत की शुरुआत की जा सकती है बता दें कि गुरुवार के 16 व्रत रखने चाहिए। शास्त्र अनुसार केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास माना जाता है इसलिए गुरुवार के दिन भूलकर भी केले का सेवन न करें। इस​ दिन केले के पेड़ को जल अर्पित करें कथा श्रवण करें इस दिन भूलकर भी केले का सेवन न करें।

मान्यता है कि भगवान विष्णु को पीले रंग की चीजें अत्यंत प्रिय है इसलिए गुरुवार के दिन पीली चीजों का दान लाभकारी माना जाता है इस दिन पीला वस्त्र, चने की दाल, केला आदि भगवान को अर्पित करें इसके बाद गरीब को दान कर दें। इससे विष्णु जी की कृपा बनी रहती है और उनकी कृपा प्राप्त होती है। गुरुवार के दिन पीला भोजन ही ग्रहण करेंं ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं इस दिन काली दाल की खिचड़ी या चावलों का सेवन वर्जित माना जाता है साथ ही इस दिन चावल खाने से धन हानि होती है पूजा में श्री विष्णु को चावल भूलकर भी अर्पित न करें।