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ज्येष्ठ माह में सुबह उठकर कर लें ये काम, संवर जाएगा जीवन

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म पंचांग के अनुसार साल का तीसरा माह ज्येष्ठ की शुरुआत हो चुकी है 17 मई से ज्येष्ठ माह लग गया है इस माह का विशेष महत्व बताया गया है ज्येष्ठ माह को जेठ  माह के नाम से भी जाना जाता है ज्येष्ठ माह को सूर्यदेव पूजा उपासना और हनुमान जी की आराधना के लिए उत्तम माना गया है

इस माह में इनकी पूजा से विशेष फल की प्राप्ति होती है साथ ही भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ऐसा माना जाता है कि इस माह में ही हनुमानजी अपने प्रभु श्रीराम से मिले थे इस माह में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखकर मां लक्ष्मी की कृपा पाई जा सकती है साथ ही जीवन को संवारा जा सकता है, तो आज हम आपको इसके बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

धार्मिक मान्यता है कि ज्येष्ठ माह में सूर्य निकलने से पहले ही बिस्तर छोड़ देना चाहिए इस माह में दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं इस माह में अनुशासित जीवनशैली को अपनाएं। इस माह में सुबह उठकर मां लक्ष्मी का स्मरण करें माता पिता और पितरों का आशीर्वाद लें। ऐसा करने से सकारात्मक शक्ति का विकास होता है व्यक्ति का मन प्रसन्न रहता है और व्यक्ति पूरा दिन एक्टिव रहता है, जो उसे उसके लक्ष्य की ओर जाने में मदद करता है। ज्येष्ठ माह में बहुत अधिक गर्मी पड़ती है गर्म हवाओं से जीव जन्तुओं को पानी की कमी महसूस होने लगती है

ऐसे में पानी न मिल पाने के कारण बहुत व्याकुल हो जाते हैं ऐसे में इस माह में घर के बाहर या छत पर पशु पक्षियों के लिए पानी पीने की व्यवस्था करें ऐसा करने से ग्रह दोष समाप्त होता है वहीं जिन लोगों की कुंडली में बुध और शनि खराब होता है, उन्हें ज्येष्ठ माह इन कार्यों को जरूर करना चाहिए। धार्मिक नजरिएं से इस माह में एक वक्त का भोजन उत्तम माना गया है साथ ही अधिक से अधिक पानी पीएं। इस माह में बेल का सेवन करने से रोगों से छुटकारा मिलता है जेठ माह में बैंगन खाने से परहेज करें ज्येष्ठ में इसे खाना अच्छा नहीं माना गया है इस माह में दिन में सोना मना होता है इस माह में तिल का दान अकाल मृत्यु से बचाता है।