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बुधवार की सुबह करें ये काम, सभी सांसारिक सुखों की होगी प्राप्ति 

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा आराधना को समर्पित किया गया है वही बुधवार का दिन भगवान श्री गणेश की पूजा के लिए उत्तम माना गया है भक्त इस दिन भगवान की विधिवत पूजा करते है और उपवास भी रखते है। 

मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत के अलावा अगर कुछ उपायों को किया जाए तो प्रथम पूजनीय श्री गणेश जल्दी प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते है जिससे भक्त के जीवन के सभी दुखों और परेशानियों का अंत हो जाता है साथ ही साथ साधक को अपने जीवन में सभी सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए है संकटनाशन गणेश स्तोत्र पाठ। 

संकटनाशन स्तोत्र पाठ के नियम—
धार्मिक तौर पर किसी स्तोत्र, मंत्र या चालीसा का पाठ करते वक्त साधक का शुद्ध होना जरूरी है इसके लिए स्नान आदि करके साफ वस्त्र धारण करें और मन और मस्तिष्क को एकग्रित करते हुए भगवान का नाम लेकर इस पाठ का आरंभ करें पूर्ण भक्ति भाव से पाठ करते हुए अंत में भगवान का नाम लेकर अपनी मनोकामना कहें, मान्यता है कि शुद्ध मन और विचारों के साथ किया गया कोई भी पाठ साधक को फल जरूर प्रदान करता है। 

संकटनाशन स्तोत्र—

प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम्
भक्तावासं स्मरेनित्यम आयुष्कामार्थ सिध्दये ॥१॥
प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदन्तं द्वितीयकम्
तृतीयं कृष्णपिङगाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम ॥२॥
लम्बोदरं पञ्चमं च षष्ठं विकटमेव च
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धुम्रवर्णं तथाषष्टम ॥३॥
नवमं भालचंद्रं च दशमं तु विनायकम्


एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम ॥४॥
द्वादशेतानि नामानि त्रिसंध्यं य: पठेन्नर:
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिध्दीकर प्रभो ॥५॥
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्
पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मोक्षार्थी लभते गतिम ॥६॥
जपेद्गणपतिस्तोत्रं षडभिर्मासे फलं लभेत्
संवत्सरेण सिध्दीं च लभते नात्र संशय: ॥७॥
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वा य: समर्पयेत
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत: ॥८॥