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रुद्राक्ष धारण करने से पहले जरूर जानें नियम, वरना होगा भारी नुकसान

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म और शास्त्रों में रुद्राक्ष को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है रुद्राक्ष भगवान शिव शंकर को प्रिय है इसी कारण जो व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है उसे भगवान की विशेष कृपा मिलती है मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है इसी कारण रुद्राक्ष को चमत्कारी और अलौकिक माना जाता है

रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर इक्कीस मुखी तक पाए जाते हैं जिनका अलग अलग महत्व है जो व्यक्ति रुद्राक्ष को नियम और ​विधि अनुसार पहन लें तो वह हर तरह के संकटों से छुटकारा पा लेता है और कुंडली में ग्रहों की स्थिति भी सही हो जाती है तो आज हम आपको रुद्राक्ष धारण करने से पहले जरूर नियम बता रहे है, तो आइए जानते हैं। 

जानिए रुद्राक्ष धारण करने के नियम—
प्रात: काल जब रुद्राक्ष धारण करें तो रुद्राक्ष मंत्र और रुद्राक्ष मूल मंत्र का 9 बार जाप करना चाहिए साथ ही इसे सोने से पहले और रुद्राक्ष को हटाने के बाद भी दोहराया जाना चाहिए रुद्राक्ष को एक बार निकाल लेने के बाद उसे पवित्र स्थान पर रखना चाहिए जहां आप पूजा करते हैं। रुद्राक्ष को तुलसी की माला की तरह ही पवित्र माना जाता है इसलिए इसे धारण करने के बाद मांस मदिरा से दूरी बना लेना चाहिए। रुद्राक्ष को कभी भी श्मशान घाट पर नहीं ले जाना चाहिए इसके अलावा नवजात के जन्म के दौरान या जहां नवजात शिशु का जन्म होता है वहां भी रुद्राक्ष ले जाने से बचना चाहिए। महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। 

रुद्राक्ष को बिना स्नान किए नहीं छूना चाहिए स्नान करने के बाद शुद्ध करके ही इसे धारण करें। रुद्राक्ष धारण करते वक्त भगवान शिव का मनन करें इसके साथ ही शिव मंत्र 'ऊँ नम: शिवाय' का जाप करते रहें। रुद्राक्ष को हमेशा लाल या फिर पीले रंग के धागे में पहनना चाहिए कभी भी इसे काले रंग के धागे में नहीं पहनना चाहिए इससे अशुभ प्रभाव पड़ता है। रुद्राक्ष माला को आपने धारण कर लिया है तो अब इसे किसी और को बिल्कुल न दें इसके साथ ही दूसरे की दी गई रुद्राक्ष को बिल्कुल धारण न करेंं रुद्राक्ष की माला को हमेशा विषम संख्या में पहनना चाहिए लेकिन 27 मनकों से कम नहीं होना चाहिए।