मुसलमानों के लिए क्यों खास है ज़मज़म का पानी? जानें इसकी पूरी कहानी
सावन के पावन महीने में जब लाखों कांवड़िए गंगाजल लेकर लौटते हैं, उसी तरह मुसलमानों के लिए ज़मज़म का पानी एक पवित्र और चमत्कारी जल है। यह पानी सिर्फ एक प्राकृतिक स्रोत नहीं, बल्कि आस्था, श्रद्धा और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। जब कोई मुसलमान हज या उमराह के लिए मक्का जाता है, तो ज़मज़म का पानी लेकर लौटता है, जिसे आब-ए-ज़मज़म भी कहा जाता है। इस पानी की एक प्राचीन और रहस्यमयी कहानी है, जो हजारों सालों से मुसलमानों के दिलों में विश्वास और उमंग जगाती आ रही है।
ज़मज़म का पानी: इतिहास और उत्पत्ति
हिजरी कैलेंडर के अनुसार ज़मज़म का पानी लगभग 5000 साल पुराना है। इस पानी की कहानी पैगंबर हज़रत इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) और उनकी पत्नी बीबी हाजरा तथा बेटे हज़रत इस्माईल के समय से जुड़ी हुई है। पैगंबर इब्राहीम को अल्लाह का आदेश मिला था कि वे अपनी पत्नी और बेटे को एक सुनसान रेगिस्तानी इलाके में छोड़ आएं, जहां न खाना था न पानी। यह वही इलाका था जिसे आज मक्का के नाम से जाना जाता है।
बीबी हाजरा ने बेटे की प्यास बुझाने के लिए सफा और मरवा नाम की दो पहाड़ियों के बीच लगातार सात बार दौड़ लगाई, पानी खोजने की कोशिश की। तभी एक चमत्कार हुआ— हज़रत इस्माईल की एड़ियों के नीचे से जमीन फटी और पानी का स्रोत फूट पड़ा। बीबी हाजरा ने उस पानी को “ज़म ज़म” कहकर रोका, जिसका अर्थ है “रुको, रुको।” इस चमत्कार के बाद उस पानी को ‘ज़मज़म’ नाम मिला।
ज़मज़म का पानी: आज भी बह रहा चमत्कार
यह पानी मक्का के मस्जिद अल-हरम के भीतर बने ज़मज़म कुएं से आता है। सदियों से यह कुआं सूखा नहीं और पानी का बहाव लगातार बना हुआ है। लाखों श्रद्धालु हर साल इस पानी को लेकर आते हैं, लेकिन इसके स्रोत की स्थिरता एक अद्भुत प्राकृतिक रहस्य बनी हुई है। ज़मज़म का पानी पीना मुसलमानों के लिए सिर्फ शारीरिक तृप्ति नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शुद्धि और इलाज का जरिया भी माना जाता है।
इस्लाम में ज़मज़म की अहमियत
इस्लाम में ज़मज़म के पानी को पवित्र और करिश्माई माना जाता है। कहा जाता है कि इसमें रोगों को ठीक करने की शक्ति है और यह अल्लाह की रहमत का माध्यम है। मुसलमान इस पानी को खड़े होकर तीन घूंटों में पीते हैं, काबा शरीफ की तरफ मुंह करके और “बिस्मिल्लाह” कहकर पीने की सुन्नत होती है। पीते समय दुआ की जाती है कि अल्लाह इस पानी से शिफा दे।
ज़मज़म पानी का खास महत्व और उपयोग
ज़मज़म पानी केवल पीने के लिए होता है, न कि खेती या अन्य उपयोगों के लिए। यह पानी ऐसे इलाके से निकलता है जहाँ प्राकृतिक रूप से पानी मिलना मुश्किल है, इसलिए इसका बहाव और अस्तित्व एक चमत्कार ही माना जाता है। आज भी ज़मज़म की ये पवित्र धारा आस्था, विश्वास और चमत्कार का जीवंत प्रमाण है, जो हर मुसलमान के दिल में गहरी श्रद्धा का कारण बनती है।