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मेहंदीपुर बालाजी का प्रसाद खाने से क्यों मना करते हैं पुजारी? क्या सच में हो जाता है भूत-प्रेत का साया?

 

राजस्थान के दौस जिले में मेहंदीपुर बालाजी का एक मंदिर है, जिसके बारे में कई अजीबोगरीब मान्यताएं हैं। कई लोगों का कहना है कि इस मंदिर का प्रसाद खाने के बाद भूत आपका पीछा करने लगते हैं। साथ ही लोगों का यह भी कहना है कि यहां भूतों का इलाज किया जाता है।

<a href=https://youtube.com/embed/430eTyi5V80?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/430eTyi5V80/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" title="Mehandipur Balaji Temple | मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का इतिहास, मान्यता, दर्शन, रहस्य, भूत-प्रेत, नियम" width="695">

कहते हैं कि यहां भूतों के इलाज के लिए लोगों को कोड़े मारे जाते हैं और जंजीरों से बांधा जाता है। इसके अलावा उनके शरीर पर 100-100 किलो के भारी पत्थर रखे जाते हैं।बालाजी मंदिर के पास ही अंजनी माता का मंदिर भी है। बालाजी महाराज के दर्शन करने के बाद लोग यहां दर्शन करने जाते हैं। इसके साथ ही लोग यहां प्रेतराज, भैरो बाबा, घाट वाले बाबा और समाधि वाले बाबा के भी दर्शन करते हैं।

वहीं यहां रहने वाले एक महाराज का कहना है कि जिन लोगों पर भूतों का साया होता है उन्हें मेहंदीपुर बालाजी लाया जाता है और उन्हें दर्शन कराए जाते हैं। इसके बाद यहां बाबा से अर्जी लगाई जाती है और उन्हें दो लड्डू खिलाए जाते हैं। उनका कहना है कि यहां से लाखों लोग ठीक होकर जाते हैं।

कहा जाता है कि यहां ज्यादातर महिलाएं इलाज के लिए आती हैं। इस बारे में लोगों का कहना है कि महिलाओं का आत्मविश्वास और आत्मसम्मान कमजोर होता है। महिलाएं भावनात्मक रूप से बहुत जल्दी कमजोर हो जाती हैं। इस वजह से उन पर भूत-प्रेत बहुत जल्दी हावी हो जाते हैं।यहां के एक पंडित के मुताबिक, यह अफवाह है। ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने बताया कि बाबा से मन्नत मांगनी चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। इससे बाबा सबकी मनोकामना पूरी करते हैं।

लोगों का कहना है कि बालाजी महाराज का प्रसाद न तो बांटना चाहिए और न ही घर लाना चाहिए। इस बारे में पंडित का कहना है कि यह भी अफवाह है। आप यहां प्रसाद बांट सकते हैं और खा भी सकते हैं। सिर्फ उन्हीं लोगों का प्रसाद नहीं खाना चाहिए जो भूत-प्रेत के प्रभाव में हों।