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इस रहस्यमयी गांव में जाने की गलती, लौटकर वापस नहीं आया कभी

 

दुनिया में कई ऐसी जगहें हैं जिन्हें रहस्यमय माना जाता है। आज तक कोई भी इनके रहस्य का पता नहीं लगा सका है। आज हम आपको एक ऐसे ही रहस्य के बारे में बताने जा रहे हैं जो एक गांव से जुड़ा हुआ है। आमतौर पर शहर के लोग गांव में जाकर प्रकृति को महसूस करना चाहते हैं, लेकिन दुनिया में एक ऐसा गांव भी है जहां जाने वाला कभी वापस नहीं आता। यह सुनकर शायद आप यकीन न कर पाएं। लेकिन बात बिल्कुल सच है. इस रहस्यमयी गांव को 'मुर्दों का शहर' भी कहा जाता है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं रूस के उत्तरी ओसेशिया में स्थित दरगाव्स गांव की।

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ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई इस गांव में जाने की गलती करता है तो वह कभी वापस नहीं लौटता। आपको बता दें कि यह इलाका बेहद सुनसान है। डर के कारण इस जगह पर न तो कोई आता है और न ही जाता है। ऊंचे पहाड़ों के बीच छिपे इस गांव में सफेद पत्थरों से बने करीब 99 तहखानेनुमा घर हैं। स्थानीय लोग अपने परिवार के सदस्यों के शवों को तहखाने वाले इन घरों में दफनाते थे। इनमें से कुछ मकान चार मंजिला भी हैं। ऐसा कहा जाता है कि इन मकबरों का निर्माण 16वीं शताब्दी में हुआ था। लेकिन अब यह एक विशाल कब्रिस्तान में बदल गया है। ऐसा कहा जाता है कि हर इमारत एक परिवार की होती है, जिसमें केवल उसी परिवार के सदस्यों को दफनाया जाता है।

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इतना ही नहीं, स्थानीय लोगों में इस स्थान को लेकर कई तरह की मान्यताएं भी हैं। उनका मानना ​​है कि जो भी इन तहखानेनुमा इमारतों में जाता है, वह कभी वापस नहीं लौटता। हालांकि, कभी-कभी पर्यटक इस जगह के रहस्यों को जानने के लिए आते रहते हैं। आपको बता दें कि इस स्थान तक पहुंचने का रास्ता भी काफी कठिन है। पहाड़ियों के बीच संकरे रास्तों से होकर यहां पहुंचने में लगभग तीन घंटे लगते हैं।

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यहां का मौसम भी हमेशा खराब रहता है, जो यात्रा के लिए एक बड़ी बाधा है। पुरातत्वविदों के अनुसार यहां कब्रों के पास नावें मिली हैं। नाव को लेकर स्थानीय लोगों में मान्यता है कि आत्मा को स्वर्ग पहुंचने के लिए नदी पार करनी पड़ती है, इसलिए शवों को नाव पर रखकर दफनाया जाता था।पुरातत्वविदों को यहां हर तहखाने के सामने एक कुआं भी मिला है, जिसके बारे में कहा जाता है कि लोग यहां अपने रिश्तेदारों को दफनाने के बाद कुएं में सिक्के फेंकते थे। अगर सिक्का फर्श पर पड़े पत्थरों से टकराए तो इसका मतलब