जब पर्यटक ने जल महल के बीचोंबीच से सुनी भयानक चीखें, वीडियो में जाने क्या छुपा है उस खूबसूरत महल में पानी के नीचे?
राजस्थान की राजधानी जयपुर को उसकी राजसी हवेलियों, किलों और रंगीन बाज़ारों के लिए जाना जाता है। लेकिन इन ऐतिहासिक धरोहरों के बीच एक ऐसी खूबसूरत रचना भी है, जो दिन में जितनी मनमोहक लगती है, रात के अंधेरे में उतनी ही रहस्यमयी और डरावनी महसूस होती है — जल महल।मान सागर झील के बीचोंबीच स्थित जल महल अपनी अनूठी वास्तुकला और पानी में आधा डूबे होने के कारण पर्यटकों को सदियों से आकर्षित करता रहा है। लेकिन पिछले कुछ सालों में यहाँ अजीबोगरीब घटनाओं की खबरें सामने आ रही हैं, जिनमें सबसे रहस्यमयी वाकया हाल ही में एक पर्यटक के साथ घटा — जिसने झील के भीतर डूबी मंज़िलों से रात के सन्नाटे में चीखें सुनीं।
खूबसूरती के पीछे छुपा रहस्य
जल महल का निर्माण 18वीं शताब्दी में सवाई जय सिंह द्वितीय ने करवाया था। यह पांच मंज़िला महल चार मंज़िलों के साथ झील में डूबा हुआ रहता है और केवल ऊपरी मंज़िल ही जल स्तर से ऊपर दिखाई देती है। यही बात इसे अद्वितीय बनाती है, लेकिन शायद इसी में छिपा है एक डरावना रहस्य।स्थानीय लोगों का कहना है कि जल महल की निचली मंज़िलों में बहुत कुछ ऐसा दफन है जो आज तक बाहर नहीं आ पाया — और शायद कभी न आए।
चीखों की वो खामोश रात: टूरिस्ट की आँखोंदेखी
घटना मई 2025 की एक रात की है, जब मुंबई से आया एक पर्यटक कपल जल महल के आसपास घूम रहा था। दिन में उन्होंने आमेर किला, हवामहल और सिटी पैलेस जैसे तमाम दर्शनीय स्थल देखे, और शाम होते-होते जल महल के पास ठहर गए।पर्यटक ने बताया कि रात करीब 10 बजे, जब वह झील के किनारे बैठा था और ठंडी हवा के साथ पानी की सतह को निहार रहा था, तभी अचानक झील के बीच स्थित जल महल की ओर से उसे कुछ अजीब सी चीखें सुनाई दीं।पहले उसने इसे भ्रम समझा, लेकिन जब आवाज़ें लगातार दो-तीन बार आईं और किसी महिला की चीख जैसी प्रतीत हुईं, तो उसके रोंगटे खड़े हो गए। उस पर्यटक ने मोबाइल से रिकॉर्डिंग की कोशिश की, लेकिन मोबाइल की बैटरी अचानक बंद हो गई — जबकि कुछ मिनट पहले ही वह 60% चार्ज था।
स्थानीय लोगों की मान्यता: जल महल में कैद है कोई आत्मा?
इस घटना के बाद जब पर्यटक ने पास के स्थानीय दुकानवालों से इस बारे में बात की, तो उन्होंने कुछ ऐसा बताया जिसने उसकी रात की नींद उड़ा दी।स्थानीय बुज़ुर्गों का कहना है कि जल महल की निचली मंज़िलों में कभी किसी रानी या दासी को ज़िंदा दफन कर दिया गया था, जो राज्य के सम्मान और गोपनीयता की रक्षा के लिए बलि चढ़ाई गई थी। कहा जाता है कि उस आत्मा की आत्मा आज भी मुक्ति नहीं पा सकी है और रात को, जब चारों ओर सन्नाटा होता है, तब वह अपने होने का अहसास कराती है — चीखों के रूप में।कुछ नाविकों का दावा है कि उन्होंने जल महल के आसपास कई बार पानी की सतह पर सफेद साड़ी में एक परछाई देखी है, जो कुछ पलों में ही गायब हो जाती है।
जल महल में रात्रि प्रवेश क्यों नहीं होता?
एक रोचक तथ्य यह भी है कि जल महल को रात में पर्यटकों के लिए पूरी तरह बंद रखा जाता है। न तो कोई नाव वहाँ रात को जाती है, न ही कोई सरकारी अनुमति होती है। सुरक्षा कारणों का हवाला देकर प्रवेश पर पाबंदी लगाई जाती है, लेकिन कुछ जानकारों का मानना है कि यह सिर्फ सुरक्षा नहीं, बल्कि अज्ञात डर के कारण हैराजस्थान पर्यटन विभाग ने इन बातों को अंधविश्वास बताया है, लेकिन इन कहानियों और घटनाओं से इनकार भी नहीं किया गया है।
ऐतिहासिक या अलौकिक — रहस्य अब भी कायम
जल महल से जुड़ी ऐसी कई कहानियाँ हैं जो इसे सिर्फ एक दर्शनीय स्थल नहीं, बल्कि एक रहस्यात्मक स्थल बना देती हैं। चाहे वह डूबी हुई मंज़िलों से आती चीखें हों, रात में दिखने वाली परछाइयाँ हों या मोबाइल का अचानक बंद हो जाना — ये घटनाएं दर्शाती हैं कि इस महल के भीतर कुछ ऐसा है जो विज्ञान और इतिहास दोनों से परे है।
जल महल को देखने हर साल लाखों पर्यटक आते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इसके अंदर क्या छिपा है। जब कोई सैलानी कहता है कि उसने वहाँ से किसी की चीखें सुनी हैं, तो यह केवल एक डरावनी कहानी नहीं, बल्कि उस महल की असलियत के एक अंश का इशारा हो सकता है।भले ही आधुनिक समय में ऐसे अनुभवों को अंधविश्वास कहा जाए, लेकिन जल महल की रहस्यमय खामोशी आज भी लोगों के दिल में डर और रोमांच दोनों पैदा करती है।