ये है दुनिया का इकलौता इसका मंदिर,जहाँ जाने के लिए पुरुषों बनाना बढ़ता है औरत,कारण जानकार हो जायेगे हैरान
जब महाकाल उसके सिर पर हाथ रख देंगे तो काल भी उसका क्या करेगा? कहा जाता है कि काल भी महाकाल के रौद्र रूप के सामने हाथ जोड़कर खड़ा रहता है। वैसे तो महादेव को अत्यंत सौम्य स्वभाव का व्यक्ति कहा जाता है, लेकिन शिव का यह रूप अत्यंत रुद्र है। महाकाल को उज्जैन का महाराजा भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले महाकाल का आशीर्वाद लेना बहुत जरूरी है। अगर आप भी नए साल से पहले महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए जाने का प्लान बना रहे हैं तो पहले हम आपको बता दें कि टिकट कितना होगा, भस्म आरती कब होगी और यहां दर्शन के लिए क्या पहनना होगा।
ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महाकाल मंदिर परिसर समिति द्वारा दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा शुरू की गई है। हालांकि, मंदिर में जाने से पहले आपको ऑनलाइन बुकिंग करानी होगी। जैसे ही आप बुकिंग एक्सेप्ट करेंगे, आपके फोन पर एक मैसेज आएगा. इसके अलावा जो लोग मंदिर नहीं आ सकते उनके लिए लाइव आरती में शामिल होने का भी विकल्प है।
बुकिंग नियम
- महाकाल दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग 60 दिन पहले की जा सकती है।
- इसके अलावा आप दर्शन से दो दिन पहले भी टिकट बुक कर सकते हैं।
- एक व्यक्ति अपने अकाउंट से 10 लोगों के लिए बुकिंग कर सकता है.
- ऑनलाइन बुकिंग के लिए भक्तों को 200 रुपये का भुगतान करना होगा।
महाकाल के दर्शन के लिए सबसे पहले रजिस्ट्रेशन कराएं
- दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग करने से पहले आधिकारिक वेबसाइट shrimahakalwar.com पर जाएं
- होम पेज पर जाकर आपको महाकाल दर्शन/भस्म आरती बुकिंग पर क्लिक करना होगा।
- इसके बाद दर्शन या आरती की तिथि का चयन करें.
- यहां खुद को रजिस्टर करें.
- बुकिंग के बाद आपके मोबाइल पर मैसेज के जरिए रजिस्ट्रेशन नंबर और पासवर्ड दिया जाएगा.
- ध्यान दें कि यहां महिलाओं और बच्चों के दर्शन के लिए कोई बुकिंग शुल्क नहीं है। साथ ही पति-पत्नी चार बच्चों को एक साथ ले जा सकते हैं।
दर्शन टिकट कितने का है?
आपको बता दें कि ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भक्त रोजाना सुबह 6 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक 750 और 1500 रुपए के टिकट पर जाकर गर्भगृह से भगवान महाकाल के दर्शन कर सकते हैं। आगंतुक बड़ा गणेश मंदिर के पास प्रोटोकॉल कार्यालय काउंटर से टिकट खरीद सकते हैं। आपको बता दें कि यहां टिकट के लिए काफी लंबी कतारें लगती हैं।
भस्म आरती में पहने जाने वाले वस्त्र
भस्म आरती के नियम आरती के दर्शन करने के कुछ विशेष नियम होते हैं। यहां सिर्फ पुजारियों को ही आरती करने का अधिकार दिया जाएगा, बाकी लोग ही देख सकेंगे। इस आरती को देखने के लिए पुरुषों को केवल धोती पहननी होती है, जबकि महिलाओं को आरती के दौरान सिर पर घूंघट करना पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि उस समय भगवान शिव निराकार रूप में होते हैं और महिलाओं को भगवान के इस रूप के दर्शन की अनुमति नहीं होती है।