कभी होटल में बर्तन मांजती थी 20 साल की ये लड़की, अब हर महीने कमा रही 30 करोड़ रुपये!
अमेरिका के फ्लोरिडा की रहने वाली 20 वर्षीय सोफी रैन इन दिनों इंटरनेट की दुनिया में एक सनसनी बनी हुई हैं। कभी होटल में वेट्रेस और बर्तन मांजने वाली यह लड़की अब एक ऐसी स्टार बन चुकी हैं, जो हर महीने करीब 30 करोड़ रुपये कमा रही हैं। उनकी ये अनोखी कहानी न सिर्फ प्रेरणा देती है, बल्कि सोचने पर भी मजबूर करती है कि समाज में ‘सही’ और ‘गलत’ का पैमाना आखिर क्या है।
गरीबी में बीता बचपन
मियामी की निवासी सोफी का बचपन गहरी गरीबी में गुजरा। उनका परिवार फूड स्टैम्प्स और सरकारी मदद के सहारे किसी तरह जीवन गुजारता था। मां-बाप की हालत देखकर उन्होंने कम उम्र में ही जिम्मेदारी उठाई। 17 साल की उम्र में उन्होंने एक होटल में वेट्रेस और बर्तन धोने का काम शुरू किया, लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था।
सोशल मीडिया से पलटी किस्मत
सोफी की खूबसूरती और कैमरे के सामने सहजता ने धीरे-धीरे सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान खींचना शुरू किया। एक दोस्त की सलाह पर उन्होंने एडल्ट साइट 'OnlyFans' पर अकाउंट बनाया, और वहां से उनकी जिंदगी ने एक नया मोड़ ले लिया। देखते ही देखते उनके इंस्टाग्राम पर 70 लाख से ज़्यादा फॉलोअर्स हो गए और वह OnlyFans की नंबर-वन स्टार बन गईं।
बेतहाशा कमाई, लेकिन सिद्धांतों पर अडिग
रिपोर्ट्स की मानें तो सोफी ने सिर्फ एक साल में ही 43 मिलियन डॉलर (लगभग 360 करोड़ रुपये) की कमाई कर ली है। यानी औसतन हर महीने 3.6 मिलियन डॉलर यानी करीब 30 करोड़ रुपये। लेकिन इसके बावजूद सोफी खुद को एक साधारण लड़की ही मानती हैं। उनका कहना है,
"मैं हर हफ्ते छह दिन अपने पुरुष फैन्स से ऑनलाइन चैट करती हूं, लेकिन सातवें दिन चर्च जाकर भगवान से माफी मांगती हूं।"
सोफी का दावा है कि वे अभी भी वर्जिन हैं और शादी से पहले इस फैसले को बदलने का इरादा नहीं रखतीं। उन्हें हर दिन शादी के प्रस्ताव और करोड़ों के ऑफर्स मिलते हैं, लेकिन वे सच्चे प्यार की तलाश में हैं।
“मेरे पास पैसे की कोई कमी नहीं है, लेकिन मैं सिर्फ प्यार चाहती हूं — ऐसा प्यार जो मुझे एक इंसान की तरह देखे, न कि एक ब्रांड की तरह।”
सोशल मीडिया पर बहस
सोफी की कहानी इंटरनेट पर ज़बरदस्त चर्चा का विषय बनी हुई है। जहां एक ओर कई लोग उनकी हिम्मत और परिवार के लिए त्याग की तारीफ कर रहे हैं, वहीं कई यूज़र्स ने उनके प्रोफेशन को धार्मिक और नैतिक मूल्यों के खिलाफ बताया है।