दुनिया यहां मौजूद है तलाक वाला मंदिर! बिना कोर्ट कचहरी के पति-पत्नी को दिलाता है एक दूजे से छुटकारा, इतिहास जान उड़ जाएंगे होश
दुनिया में कई तरह की जगहें हैं। कई पर्यटन स्थल अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं। कई जगहों की अपनी धार्मिक मान्यताएँ हैं। अगर मंदिरों की बात करें, तो जहाँ भारत में आपको कई देवी-देवताओं के मंदिर मिल जाएँगे, वहीं दुनिया में भी अनगिनत मंदिर हैं। कंबोडिया, इंडोनेशिया आदि में हिंदू धर्म के कई मंदिर हैं। हालाँकि, आज हम आपको एक अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं।
आमतौर पर भारत में लोग अपनी मनोकामना पूरी होने पर मंदिर की घंटी बजाते हैं। लोग परिवार की सलामती, पति और बच्चों की लंबी उम्र और कई अन्य मनोकामनाओं के साथ मंदिर जाते हैं। लेकिन दुनिया में एक ऐसा मंदिर भी है जहाँ अपनी शादी से सतायी गई महिलाएँ जाती हैं। इस मंदिर को तलाक मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर में पतियों द्वारा सतायी गई पत्नियों को शरण दी जाती है और उन्हें इस रिश्ते से मुक्ति मिलती है।
महिलाओं के लिए स्वर्ग
हम बात कर रहे हैं जापान के मात्सुगाओका टोकेई-जी मंदिर की। इसे तलाक का मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है। कहा जाता है कि उस ज़माने में जापान में सिर्फ़ पुरुष ही अपनी पत्नियों को तलाक दे सकते थे। ऐसे में यह मंदिर अपने पतियों द्वारा प्रताड़ित महिलाओं के लिए एकमात्र सहारा था। इस मंदिर के द्वार घरेलू हिंसा की शिकार हर महिला के लिए खुले थे। यहाँ आकर उन्हें अपने पतियों से मुक्ति मिलती थी।
यह है इतिहास
इस अनोखे मंदिर का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है। कहा जाता है कि यह मंदिर सात सौ साल पुराना है। यह जापान के कामाकुरा शहर में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण काकुसन नाम की एक नन ने अपने पति होजो तोकिमुन के साथ मिलकर करवाया था। वह अपने पति से खुश नहीं थी और न ही उसे तलाक दे सकती थी। इसी वजह से वह इस मंदिर में रहने लगी। इसके बाद, जो भी महिला अपने पति को तलाक देना चाहती थी, वह इस मंदिर में तीन साल तक रहकर ऐसा कर सकती थी। बाद में इसे घटाकर दो साल कर दिया गया। लंबे समय तक इस मंदिर में पुरुषों का प्रवेश वर्जित था। बाद में 1902 में जब इस मंदिर को एंगाकु-जी ने अपने अधीन कर लिया, तो इस मंदिर में एक पुरुष मठाधीश की नियुक्ति की गई। इसके बाद से इस मंदिर में पुरुषों का प्रवेश शुरू हो गया।