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जयपुर का सबसे डरावना बग़ीचा! सिसोदिया रानी का बाग क्यों बन जाता है रात में आत्माओं का अड्डा, वीडियो में जानिए इसकी भूतिया कहानी

 

जयपुर, राजस्थान का दिल, न केवल अपनी ऐतिहासिक धरोहर, खूबसूरत महलों और बग़ीचों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां की कहानियाँ और रहस्यमयी घटनाएँ भी लोगों का ध्यान आकर्षित करती हैं। उन्हीं में से एक है सिसोदिया रानी का बाग, जो दिन के समय अपनी खूबसूरती और शाही बग़ीचे के लिए जाना जाता है, लेकिन रात होते ही यह बाग एक भूतिया स्थल में तब्दील हो जाता है। इस बाग के बारे में ऐसी कई डरावनी कथाएँ हैं जो इसे आत्माओं का अड्डा मानने पर मजबूर करती हैं।

<a href=https://youtube.com/embed/YVkPEaq_lXQ?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/YVkPEaq_lXQ/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" title="Sisodia Rani Bagh Jaipur | सिसोदिया रानी बाग का इतिहास, स्थापना, वास्तुकला, कैसे पहुंचे, एंट्री फीस" width="853">
सिसोदिया रानी का बाग: ऐतिहासिक दृष्टिकोण
सिसोदिया रानी का बाग जयपुर के बाहरी हिस्से में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है, जिसे राजा सवाई Jai Singh II ने अपनी पत्नी सिसोदिया रानी के लिए 1689 में बनवाया था। यह बग़ीचा शाही बागों का आदर्श है, जो भारतीय और मुग़ल स्थापत्य कला का अद्भुत मिश्रण है। यहां के खूबसूरत बाग, जलविहार, फव्वारे और वास्तुकला, पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इस बाग के निर्माण में प्राकृतिक सौंदर्य का ख्याल रखते हुए रंग-बिरंगे फूलों और हरे-भरे पेड़ों का उपयोग किया गया है।लेकिन यह सुंदर बग़ीचा अपनी खूबसूरती से कहीं अधिक रहस्यमय और डरावना हो जाता है जब रात का अंधेरा इसकी दीवारों पर चढ़ने लगता है। सर्दी हो या गर्मी, रात के समय इस बाग में एक खौ़फनाक माहौल का निर्माण हो जाता है, जो इस स्थान को भूतिया और शापित बना देता है।

रात में क्यों बन जाता है सिसोदिया रानी का बाग आत्माओं का अड्डा?
कई लोगों का मानना है कि इस बाग में रात के समय अजीब घटनाएँ घटती हैं। कहा जाता है कि रात के अंधेरे में इस बाग के फव्वारे, बगीचे और गलियारों में गूंजने वाली आवाज़ें किसी अज्ञात शक्ति की उपस्थिति का संकेत होती हैं। स्थानीय लोग मानते हैं कि बाग के कुछ हिस्सों में भूत-प्रेतों की आत्माएँ भटकती हैं, जो कभी इस बाग में हुई घटनाओं से संबंधित थीं। कुछ लोग तो यह भी दावा करते हैं कि रात के समय बाग में कुछ रहस्यमयी रूप में परछाइयाँ दिखाई देती हैं, जो किसी और दुनिया से आती हैं।एक लोकप्रिय कहानी के अनुसार, बाग के एक हिस्से में एक महिला की आत्मा भटकती है, जिसे कभी महल के अंदर अत्याचार का सामना करना पड़ा था। कहा जाता है कि वह महिला आत्महत्या कर ली थी, और अब उसकी आत्मा रात के समय बाग के फव्वारे के पास घूमती रहती है। इस प्रकार की घटनाओं ने सिसोदिया रानी के बाग को एक भूतिया स्थल के रूप में प्रसिद्ध कर दिया है।

यहां की डरावनी आवाज़ें और अजीब घटनाएँ
सिसोदिया रानी का बाग दिन के समय बहुत सुंदर और शांतिपूर्ण होता है, लेकिन रात के बाद इसका रूप बदल जाता है। कई पर्यटक और स्थानीय लोग दावा करते हैं कि उन्होंने रात के समय बाग में अजीब आवाज़ें सुनी हैं, जैसे किसी के चलने की आहट, चीखें, और कभी-कभी हंसी की गूंज।कुछ गार्ड्स और बाग के कर्मचारियों ने बताया कि वे रात के समय बाग में जब भी अकेले होते हैं, तो उन्हें अचानक किसी के सांस लेने या चलने की आवाजें सुनाई देती हैं, लेकिन जब वे देखते हैं तो वहां कोई नहीं होता। एक गार्ड ने कहा, "एक रात जब मैं ड्यूटी पर था, तो अचानक मुझे एक महिला की चीख सुनाई दी। मैं घबराया और आसपास देखा, लेकिन वहां कोई नहीं था। इस घटना के बाद मुझे एहसास हुआ कि यहां कुछ अजीब है।"

ऐतिहासिक दृष्टिकोण और रहस्यमय जुड़ाव
ऐसा कहा जाता है कि सिसोदिया रानी का बाग कुछ रहस्यमयी घटनाओं से जुड़ा हुआ है। इसके इतिहास में कुछ ऐसी त्रासदियाँ भी शामिल हैं, जो आज भी इस बाग में जीवित हैं। स्थानीय मान्यता के अनुसार, इस बाग में कई राजकुमारियों और महिलाओं के साथ क्रूर व्यवहार किया गया था, जिनकी आत्माएँ आज भी इस बाग में भटक रही हैं।कई इतिहासकार और पुरातत्त्वज्ञ यह मानते हैं कि इस बाग के निर्माण में कुछ नकारात्मक शक्तियाँ कार्यरत थीं, जो बाद में उन आत्माओं की ओर इशारा करती हैं जो इस बाग में असमय मारी गई थीं।

विज्ञान और मनोविज्ञान
हालांकि, कुछ लोग इन घटनाओं को सिर्फ मनोवैज्ञानिक प्रभाव मानते हैं। उनका कहना है कि बाग के नज़दीक से गुजरने वाले लोग अंधेरे में अपने भय और मानसिक तनाव को महसूस करते हैं, जो उन्हें अजीब आवाज़ों और हलचल का आभास कराता है। इस प्रकार, यह महज एक भ्रम हो सकता है, जो लोगों के डर और मानसिक स्थिति के कारण उत्पन्न होता है।