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Labubu Doll का खौफनाक रहस्य! भूल से भी ना दें अपने बच्चों को, वायरल हुआ ये वीडियो; क्या है सच?

 

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक अजीबोगरीब लेकिन क्यूट दिखने वाली गुड़िया 'लाबुबू डॉल' (Labubu Doll) ने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया है। कहीं लोग इसे बच्चों के लिए खतरनाक बता रहे हैं, तो कहीं इसे एक ‘शैतानी डॉल’ कहकर डर फैलाया जा रहा है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर सच्चाई क्या है? क्या लाबुबू वाकई किसी दानव से जुड़ी है या यह सब महज अफवाह है?

शैतानी अफवाह की शुरुआत

इस पूरे हंगामे की शुरुआत एक इंस्टाग्राम वीडियो से हुई, जिसमें Labubu Doll को एक डरावनी आकृति के पास दिखाया गया। वीडियो में 'The Simpsons' सीरीज का एक सीन भी जोड़ा गया था, जिसमें एक महिला गलती से शैतान की गुड़िया खरीद लेती है और उसका बच्चा उससे ग्रस्त हो जाता है। इस फिक्शनल सीन को Labubu से जोड़कर लोगों ने इसे शैतानी करार देना शुरू कर दिया।

इंटरनेट पर बढ़ा डर

वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर Labubu Doll को लेकर भय और भ्रम की लहर फैल गई। कई यूज़र्स ने तो यहां तक दावा कर दिया कि यह डॉल बच्चों के मन पर बुरा असर डालती है। कुछ ने इसे भूत-प्रेत से जुड़ा हुआ बताया, तो कुछ ने शैतानी ताकतों से जोड़ दिया।

Labubu Doll का असली सच

असल में, Labubu किसी दानव से नहीं, बल्कि एक कला परियोजना से जुड़ी एक फिक्शनल कैरेक्टर डॉल है। इसे 2015 में ताइवान के कलाकार Kasinglung ने डिज़ाइन किया था। यह डॉल उनकी एक कहानी 'The Monsters' का हिस्सा है, जिसमें Labubu को एक शरारती लेकिन अच्छी आत्मा की तरह दिखाया गया है — जो बच्चों की दुनिया में कल्पना और मस्ती लाने वाली है।

2019 में, चीन की पॉपुलर कंपनी Pop Mart ने इसे मार्केट में लॉन्च किया और तब से यह डॉल कलेक्टिबल टॉय की दुनिया में एक सुपरहिट बन गई। आज यह दुनियाभर में बच्चों और युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय है।

क्या Pazuzu से है कोई कनेक्शन?

कुछ लोगों ने Labubu को एक मेसोपोटामियाई राक्षस पाजुजु (Pazuzu) से जोड़ने की कोशिश की — जिसे हॉलीवुड की फेमस हॉरर फिल्म The Exorcist में दिखाया गया था। लेकिन प्रतिष्ठित वेबसाइट्स जैसे Snopes और Britannica ने इस दावे को सिरे से अफवाह करार दिया है। Labubu और Pazuzu में कोई संबंध नहीं है, न ही डिज़ाइन, उद्देश्य या इतिहास में कोई मेल।

निष्कर्ष: डर नहीं, समझ जरूरी

Labubu Doll को लेकर फैली अफवाहें एक बार फिर यह साबित करती हैं कि सोशल मीडिया पर हर वायरल वीडियो पर भरोसा नहीं किया जा सकता। यह डॉल किसी दानव की नहीं, बल्कि एक कलाकार की रचनात्मक कल्पना का प्रतीक है। डर फैलाने से बेहतर है कि हम फैक्ट-चेक करें और बच्चों को बेवजह डराने की बजाय उन्हें रचनात्मकता से जोड़ें।