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हिमाचल की वादियों से स्थित भोलेनाथ का अजब-गजब मंदिर जहाँ घर से भागे प्रेमी जोड़ों को मिलती है शरण, महाभारत काल से जुड़ा है रहस्य 

 

पर्यटन की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश एक बेहतरीन राज्य है। यहाँ के खूबसूरत हिल स्टेशन तो लोगों को आकर्षित करते ही हैं, यह राज्य कई प्राचीन मंदिरों के लिए भी श्रद्धालुओं के बीच लोकप्रिय है। ज्वाला देवी मंदिर, नैना देवी मंदिर, माँ हिडिम्बा मंदिर, जाखू मंदिर जैसे कई प्राचीन मंदिरों के अलावा, यहाँ एक खास मंदिर है, जो प्रेमियों के लिए सबसे बेहतरीन शरणस्थली है। यह मंदिर कुल्लू के शांघड़ गाँव में है।

घर से भागे प्रेमी युगल शांघड़ गाँव के आराध्य देवता शंगचूल महादेव के मंदिर में शरण पाते हैं। यह मंदिर महाभारत काल का बताया जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर में प्रेमियों को कोई भी नुकसान नहीं पहुँचा सकता, चाहे वे उनके परिवार वाले हों या पुलिस। शांघड़ गाँव में ऐसे प्रेमियों के साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया जाता है।

कहा जाता है कि देश के विभिन्न राज्यों से भागे प्रेमी युगल इस मंदिर में सुरक्षा के लिए आते हैं। मंदिर प्रशासन यहाँ उनके रहने और खाने-पीने की व्यवस्था करता है। शांघड़ गाँव के लोग उनके साथ बहुत अच्छा व्यवहार करते हैं। पुलिस का मंदिर क्षेत्र में प्रवेश भी वर्जित है। शंगचूल महादेव में पूरी श्रद्धा से आस्था रखने वाले इस गाँव में हर नियम-कानून का सख्ती से पालन किया जाता है। इस गाँव में कोई ऊँची आवाज़ में बात भी नहीं कर सकता, लड़ाई-झगड़ा तो दूर की बात है।

महाभारत काल के इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि जब पांडवों को वनवास हुआ था, तब वे इस गाँव में आए थे और गाँव वालों ने उन्हें शरण दी थी। जब कौरव उनकी तलाश में यहाँ आ रहे थे, तो शंगचूल महादेव ने उन्हें गाँव में आने से रोक दिया और कहा कि जो लोग उनकी शरण में आए हैं, वे उनकी रक्षा करेंगे। ऐसी मान्यता के कारण, गाँव वाले शरण लेने आए प्रेमियों का स्वागत करते हैं।

वर्ष 2015 में अचानक आधी रात को मंदिर और 20 मूर्तियों सहित 3 घरों में आग लग गई। मंदिर का पुनः निर्माण किया गया। कहा जाता है कि द्वापर युग में भी पांडवों के समय में बना शंगचूल महादेव का यह मंदिर जलकर राख हो गया था। इसके बाद इसका पुनः निर्माण किया गया। इस मंदिर में लोगों की अटूट आस्था है और लोग सदियों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं।

यह मंदिर सिर्फ़ प्रेमियों के लिए ही नहीं, बल्कि आम लोगों और पर्यटकों के लिए भी है। जिन युवाओं की शादी में रुकावटें आती हैं, वे भी यहाँ आते हैं। आप भी इस मंदिर में दर्शन के लिए आ सकते हैं। मंदिर के आसपास के पूरे गाँव में आपको हरियाली ही हरियाली दिखाई देगी। इस मैदान में आपको एक भी कंकड़ नहीं मिलेगा। यहाँ गंदगी फैलाने पर जुर्माने का प्रावधान है। अगर आप कभी हिमाचल घूमने का प्लान बनाएँ, तो कुल्लू घाटी में स्थित शांघड़ गाँव और शंगचूल महादेव मंदिर ज़रूर जाएँ।