×

दुनिया की 4 सबसे शापित किताबें जिन्हें पढ़ने वाला नहीं बचता जिन्दा, बच गया तो मौत से भी बत्तर हो जाती है जिंदगी 

 

किताबों की दुनिया बेहद दिलचस्प है। यह काफ़ी विशाल भी है। आपको हर विषय पर हज़ारों किताबें मिल जाएँगी। लेकिन किताबें आपको कुछ न कुछ सिखाती ज़रूर हैं। जब आप कोई किताब पढ़ लेते हैं, तो आप पहले से थोड़े बेहतर इंसान बन जाते हैं। हालाँकि, कुछ किताबें ऐसी भी होती हैं जिन्हें लोग शापित बताते हैं।

दुनिया की 4 सबसे शापित किताबें

यहाँ हम आपको ऐसी ही 4 किताबों के बारे में बताएंगे जिन्हें शापित माना जाता है। इन किताबों से जुड़ी कई ऐसी कहानियाँ और किंवदंतियाँ हैं जो इतिहास और लोककथाओं में इन किताबों को शापित बनाती हैं। आइए इन किताबों पर एक नज़र डालते हैं:

द ग्रैंड ग्रिमोइर
16वीं शताब्दी में लिखी गई इस किताब को "दुनिया की सबसे काली किताब" भी कहा जाता है। आसुरी शक्तियों को आमंत्रित करने के मंत्र सिखाने वाली इस किताब को शापित माना जाता था और सालों पहले वेटिकन सिटी के एक गुप्त तहखाने में बंद कर दिया गया था।

अब्रामेलिन की किताब
यह किताब 15वीं शताब्दी में अब्राहम नाम के एक जादूगर ने लिखी थी। इस किताब में जादुई और आसुरी शक्तियों को जगाने के तरीके बताए गए हैं। इस पुस्तक को नकारात्मक ऊर्जा से भरपूर माना जाता है। कुछ पाठकों के अनुभवों के कारण इसे शापित माना जाता है।

नेक्रोनोमिकॉन
यह पुस्तक आठवीं शताब्दी में अब्दुल अलहज़रद नामक व्यक्ति द्वारा अरबी भाषा में लिखी गई थी। पुस्तक में ऐसी बातें लिखी हैं जो पाठक को दीवाना बना सकती हैं। पाठकों ने इस पुस्तक को शापित भी माना है।

कोडेक्स गिगास
13वीं शताब्दी में लिखी गई इस पुस्तक को शैतान की बाइबिल भी कहा जाता है। लोगों का दावा है कि जहाँ भी यह पुस्तक रखी गई, वहाँ आग लगने या महामारी फैलने जैसी कई अप्रिय घटनाएँ घटीं। इस पुस्तक को शापित मानकर इसे स्वीडन के एक संग्रहालय में कैद कर रखा गया है।