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महाराष्ट्र में स्थित है ऐसा शिवधाम मंदिर,जिसको बनने में लगा था एक दशक

 

जयपुर, भारत देश में कई चमत्कारिक मंदिर है जो लोगों के बीच आस्था के कैंद्र बने हुए है। वैसे भी भारत को आस्था का देश कहा जाता है।  आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जिस मंदिर को मनने में एक दशक लगा था। आपकी जानकारी के लिए बत दें कि हम बात कर रहे है औरंगाबाद में स्थित शिव मंदिर की।जो एलोरा की गुफाओं में स्थित है। इस मंदिर की सबसे खास बात है कि इसको सिर्फ एक चट्टान को काटकर इसका निर्माण किया गया है। मंदिर की तीन मंजिला इमारत के बराबर है। हैरान कर देने वाली बात है कि इस मंदिर के निर्माण में जिस चट्टान का उपयोग किया गया था उसका वजन करीब 40 टन था। ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। माना जाता है कि यहां पर दर्शन करने वाले लोगों को वैसा ही प्रसाद मिला है जासा कैलाश पर्वत पर मिलता है। इसलिए कई लोग कैलाश पर्वत जाने के बजाय महाराष्ट्र के इस मंदिर में ही आ जाते है। इस मंदिर की सबसे चौंका देने वाली बात है कि इसके निर्माण में पूरे 100 साल लगे थे। इस मंदिर का निर्माण राष्ट्रकूट वंश के नरेश कृष्ण ने 757 से 783 ईस्वी में शुरू करवाया था। इस मंदिर को जल्दी बनाने के लिए 7000 हजार लोगों ने दिन रात काम किया था। हर साल इस मंदिर में लाखों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते है। हैरानी की बात है कि यहां पर एक भी पूजारी नहीं है। आज तक इस मंदिर की कभी भी पुजा नहीं हुई है। वहीं यूनेस्को ने इस मंदिर को 1983 में विश्व विरासत स्थल बना दिया है।