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3500 साल पुराने कब्रिस्तान में वैज्ञानिकों को मिली रहस्यमयी 'Book of the Dead', अब खुलेंगे मौत के कई गहरे राज़ 

 

मिस्र के पुरातत्वविदों ने एक ऐसी खोज की है जिससे पूरी दुनिया हैरान है। इस खोज से नए खुलासे होंगे। दरअसल, पुरातत्वविदों ने 3,500 साल पुराने एक कब्रिस्तान की खोज की है। इसमें उन्हें कई ममी, मूर्तियाँ और अन्य महत्वपूर्ण वस्तुएँ मिली हैं। इस खोज में सबसे खास चीज़ है बुक ऑफ़ द डेड की एक प्रति। यह 43 फीट लंबे पेपिरस स्क्रॉल पर लिखी हुई है। यह एक बेहद दुर्लभ और महत्वपूर्ण खोज है। माना जा रहा है कि यह प्राचीन मिस्र के ग्रंथों का एक संग्रह है, जो जीवन और आत्मा के मार्गदर्शन से जुड़ा है।एक रिपोर्ट के अनुसार, इस खोज के बाद बताया जा रहा है कि प्राचीन मिस्र के लोग निश्चित रूप से जानते थे कि दफ़नाने की विधि क्या होती है। इसमें मृतकों के अंगों को रखने के लिए कैनोपिक जार और बुक ऑफ़ द डेड के स्क्रॉल शामिल थे। ऐसा इसलिए किया जाता था ताकि मृतक को परलोक में आगे बढ़ने में मदद मिल सके।

पुरातत्वविदों ने क्या खोजा?

यह 3,500 साल पुराना कब्रिस्तान मध्य मिस्र में खोजा गया है। इस कब्रिस्तान में ममियाँ, ताबीज़, मूर्तियाँ, कैनोपिक जार और 43 फुट लंबा पेपिरस स्क्रॉल मिला है। यह स्क्रॉल अल-गुरैफ़ा क्षेत्र में मिला पहला पूरा पेपिरस है। इसकी खासियत यह है कि यह बेहद अच्छी स्थिति में है। मिस्र की सुप्रीम काउंसिल ऑफ एंटिक्विटीज़ के महासचिव मुस्तफ़ा वज़ीरी ने यह जानकारी दी है।वज़ीरी का कहना है कि यह कब्रिस्तान 1550 ईसा पूर्व से 1070 ईसा पूर्व के बीच का है। यह अपनी पुरातात्विक खोजों के लिए जाना जाता था, लेकिन बुक ऑफ़ द डेड की एक प्रति की खोज ने विशेषज्ञों का ध्यान खींचा है। माना जाता है कि यह किताब 43 से 49 फुट लंबी है। अभी तक लोगों को इसकी सामग्री के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है।

विशेषज्ञों ने क्या कहा?

जर्मनी के रोमर और पेलिज़ेअस संग्रहालय की सीईओ लारा वीस ने लाइव साइंस से बात की है। उन्होंने कहा कि अगर यह इतनी लंबी और अच्छी तरह से संरक्षित है, तो यह निश्चित रूप से एक बड़ी और दिलचस्प खोज है। शिकागो विश्वविद्यालय के मिस्रविज्ञानी फॉय स्कॉल्फ ने इसे अत्यंत दुर्लभ बताया है। उन्होंने कहा कि इसकी एक प्रति उस मकबरे में मिल सकती है जहाँ इसे मूल रूप से दफनाया गया था।