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राजस्थान में मौजूद है 2 हजार साल से भी ज्यादा पुराना मंदिर, वीडियो में जानिए रात को यहां रुकने से क्यों घबराते है लोग ?

 

आज महाशिवरात्रि पर हम बात करेंगे शिव मंदिर की.... राजस्थान में एक ऐसा मंदिर है जहां कोई रात भर रुकने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। इस मंदिर को किसने, कब और कहां बनवाया, यह कोई नहीं जानता। मंदिर के चारों ओर घना जंगल है, इतिहास के किसी भी पन्ने में मंदिर के बारे में कोई जानकारी नहीं है। लेकिन कुछ बुजुर्गों का कहना है कि यह मंदिर रातों-रात बना था और शायद इसे भूत-प्रेतों ने बनाया था, यही वजह है कि आज भी शाम होते ही मंदिर वीरान हो जाता है, यानी मंदिर में कोई नहीं रुक सकता।

<a href=https://youtube.com/embed/LGzqgQk5ie0?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/LGzqgQk5ie0/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" title="पवित्र शिवरात्रि व्रत कथा | सुपरफास्ट शिवरात्रि व्रत कथा | Shivratri Vrat Katha" width="1250">
2 हजार साल पुराने इस मंदिर में कोई रात भर नहीं रुकता
यह मंदिर राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित है। भूतेश्वर महादेव मंदिर आमेर की पहाड़ियों में स्थित है। आमेर स्थित नाहरगढ़ अभ्यारण्य से करीब चार किलोमीटर अंदर एक कच्ची सड़क मंदिर तक जाती है। पिछले कुछ सालों से मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू हो गई है और बारिश के मौसम में लोग बड़ी संख्या में यहां आते हैं। कहा जाता है कि मंदिर दो हजार साल से भी ज्यादा पुराना है। इसे रातों-रात बनाया गया था। मंदिर जिस जगह पर बना है, उसके आसपास घना जंगल है। शाम 5-6 बजे के बाद यहां कोई नहीं रुकता। कहा जाता है कि जो भी रात में यहां रुकता है, वह सुबह नहीं उठता।

सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक होती है पूजा
स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ साल पहले एक साधु यहां आया और मंदिर में पूजा करने लगा। वह कुछ दिनों तक रात में यहां रुका लेकिन कुछ दिनों बाद वह जिंदा समाधि में पाया गया। यानी बैठे-बैठे ही उसकी मौत हो गई थी। उसके बाद मंदिर में चहल-पहल शुरू हुई लेकिन शाम होते ही मंदिर फिर से वीरान हो जाता है। आज मंदिर में सुबह 6 बजे से शाम 7-8 बजे तक पूजा होनी है।