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भारत का सबसे डरावना गाँव कहलाता है कुलधरा, इस खौफनाक वीडियो में जानिए क्यों आज तक कोई यहाँ रात नहीं बिता पाया

 

राजस्थान के थार रेगिस्तान की गोद में बसा कुलधरा गाँव, अपने इतिहास, रहस्यों और डरावने किस्सों के कारण भारत का सबसे खौफनाक गाँव माना जाता है। जैसलमेर से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह गाँव दिन में जितना शांत और रहस्यमयी दिखता है, रात के समय उतना ही भयावह और रहस्य से घिरा प्रतीत होता है। मान्यताओं के अनुसार, यह गाँव करीब 200 साल पहले रातोंरात खाली हो गया था और तब से आज तक कोई भी व्यक्ति यहाँ रात नहीं बिता पाया। आइए जानते हैं, आखिर क्यों कुलधरा को भारत का सबसे डरावना गाँव कहा जाता है और क्यों लोग रात को यहां जाने से कतराते हैं।

<a href=https://youtube.com/embed/L68Tprnp58M?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/L68Tprnp58M/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" title="Kuldhara Village Jaisalmer | World's Most Haunted Village | कुलधरा गांव की भूतिया कहानी और इतिहास" width="695">

कुलधरा का इतिहास: एक समृद्ध गाँव से वीरान खंडहर तक

कुलधरा कभी पालीवाल ब्राह्मणों का एक समृद्ध और सुनियोजित गाँव था। इतिहासकारों का मानना है कि यह गाँव 13वीं शताब्दी में बसा था और कई वर्षों तक जैसलमेर के व्यापारिक और सामाजिक विकास का केंद्र बना रहा। पालीवाल ब्राह्मण अपनी विद्वता, कृषि और जल प्रबंधन के लिए प्रसिद्ध थे। यहाँ की सड़कों का नियोजन, घरों की संरचना और जल संचयन की व्यवस्था उस युग की उन्नत सोच का प्रतीक मानी जाती है।लेकिन 19वीं शताब्दी की शुरुआत में कुछ ऐसा हुआ कि पूरा गाँव रातोंरात वीरान हो गया। कहा जाता है कि जैसलमेर के तत्कालीन दीवान सलिम सिंह की नजर गाँव की एक सुंदर ब्राह्मण कन्या पर पड़ गई थी। उसने गाँववालों को धमकी दी कि अगर उस लड़की की शादी उससे नहीं की गई, तो वह पूरे गाँव को तबाह कर देगा। अपनी अस्मिता और सम्मान की रक्षा के लिए पालीवाल ब्राह्मणों ने एक सामूहिक निर्णय लिया और एक ही रात में कुलधरा समेत आसपास के 83 गाँवों को खाली कर दिया।

अब भी क्यों डराते हैं कुलधरा के खंडहर?

कुलधरा की सबसे बड़ी रहस्यात्मकता यही है कि आज तक किसी को यह नहीं पता चल पाया कि पालीवाल ब्राह्मण गए कहां। उनके इस निर्णय ने गाँव को केवल खाली ही नहीं किया, बल्कि एक श्रापित स्थान में बदल दिया। माना जाता है कि गाँव छोड़ते समय उन्होंने कुलधरा को श्राप दे दिया कि अब यहां कोई नहीं बस पाएगा। तब से आज तक कई कोशिशें की गईं, लेकिन कोई भी यहां टिक नहीं पाया। रात होते ही अजीबोगरीब आवाजें, परछाइयाँ, और डरावनी घटनाएं लोगों के मन में खौफ पैदा कर देती हैं।

पैरानॉर्मल एक्सपर्ट्स भी रह गए हैरान

कुलधरा की भयावहता सिर्फ कहानियों तक सीमित नहीं है। कई पैरानॉर्मल रिसर्च टीमों ने यहाँ रात्रि में कैंप लगाकर जांच करने की कोशिश की है। कुछ ने अनुभव किया कि कोई उनके आसपास चल रहा है, जबकि कुछ ने अजीब सी हरकतें महसूस कीं – जैसे अचानक तापमान गिर जाना, कैमरों का बंद हो जाना, और किसी अदृश्य शक्ति की उपस्थिति। कई बार तो टीम को आधी रात में ही वहाँ से भागना पड़ा।

रात का सन्नाटा और अजीब सी खामोशी

कुलधरा में सूरज ढलते ही अजीब सी खामोशी छा जाती है। स्थानीय लोग बताते हैं कि यहाँ रात को अजीब सी सीटी की आवाजें, किसी के चलने की आहट, और कई बार स्त्री स्वर में चीखें भी सुनाई देती हैं। भले ही ये बातें अंधविश्वास लगें, लेकिन जब इनका अनुभव होता है, तो रूह तक काँप जाती है। यही वजह है कि प्रशासन ने शाम 6 बजे के बाद गाँव में प्रवेश निषिद्ध कर रखा है।

पर्यटन और रोमांच का केंद्र

भय और रहस्य से भरा कुलधरा अब एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है। जैसलमेर घूमने आने वाले अधिकांश पर्यटक कुलधरा के खंडहर देखने अवश्य आते हैं। यहाँ की वीरान गलियाँ, टूटी हुई हवेलियाँ और रहस्य भरी कहानियाँ उन्हें एक अलग ही दुनिया में ले जाती हैं।