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नाहरगढ़ किले की डरावनी कहानियां,वायरल डॉक्यूमेंट्री में जानिए क्यों इसे कहा जाता है भानगढ़ के बाद भारत का दूसरा सबसे खौफनाक किला ?

 

जयपुर की पहाड़ियों पर स्थित नाहरगढ़ किला एक ओर जहां स्थापत्य कला और शाही इतिहास का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर यह अपनी रहस्यमयी घटनाओं और डरावनी कहानियों के लिए भी जाना जाता है। आमतौर पर जब भारत में सबसे डरावनी जगहों की बात होती है, तो भानगढ़ का नाम सबसे पहले लिया जाता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि भानगढ़ के बाद सबसे डरावना किला माना जाता है नाहरगढ़, जिसके पीछे छिपे हैं कई अलौकिक रहस्य और भयावह किस्से, जो आज भी लोगों की रूह कंपा देते हैं।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/NRLlcHO24GA?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/NRLlcHO24GA/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="Nahargarh Fort Jaipur | नाहरगढ़ किले का इतिहास, कब-किसने बनाया, वास्तुकला और भूतिया रहस्य" width="1250">
नाहरगढ़ का ऐतिहासिक महत्व
नाहरगढ़ किला 1734 में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा बनवाया गया था। यह अरावली की पहाड़ियों पर स्थित है और जयपुर शहर को एक पहरेदार की तरह निहारता है। इस किले को पहले 'सुदर्शनगढ़' के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर 'नाहरगढ़' रखा गया। इसके पीछे भी एक भयानक किंवदंती जुड़ी हुई है।

भूत राजा नाहर सिंह की आत्मा का रहस्य
कहानी के अनुसार जब इस किले का निर्माण शुरू हुआ, तो बार-बार उसकी नींव गिर जाती थी। राजपुरोहितों ने सलाह दी कि इस जगह पर किसी आत्मा का प्रभाव है। तब एक तांत्रिक अनुष्ठान के दौरान खुलासा हुआ कि नाहर सिंह भोपला नामक एक राजा की आत्मा इस स्थान पर भटक रही है। उसकी शांति के लिए एक विशेष अनुष्ठान कर उसे समर्पित एक मंदिर बनवाया गया और तभी जाकर किले का निर्माण पूरा हो सका। इस घटना के बाद से ही इस किले का नाम नाहरगढ़ रखा गया।

रात में बदल जाता है किले का रूप
स्थानीय लोगों और सुरक्षाकर्मियों के अनुसार, नाहरगढ़ किले में सूर्यास्त के बाद अजीब घटनाएं शुरू हो जाती हैं। कभी खाली दीवारों से किसी के चलने की आवाजें आती हैं, तो कभी अचानक कोई दरवाज़ा खुद-ब-खुद खुल जाता है। कुछ गार्ड्स ने यह भी दावा किया है कि उन्होंने किसी अदृश्य शक्ति को महसूस किया, जो रात के अंधेरे में घूमती है।

आत्महत्या या रहस्य?
एक और चौंकाने वाला किस्सा यह है कि इस किले की देखरेख कर रहे एक अधिकारी की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी। उसे आत्महत्या बताया गया, लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि वो लगातार किसी ‘छाया’ से परेशान था। इस घटना के बाद से ही कई कर्मचारी रात के समय ड्यूटी करने से कतराने लगे।

क्यों माना जाता है भानगढ़ के बाद सबसे डरावना?
जहां भानगढ़ दिन ढलते ही बंद हो जाता है, वहीं नाहरगढ़ में भी रात के समय किसी को जाने की अनुमति नहीं दी जाती। इसका कारण सिर्फ जंगली जानवर नहीं, बल्कि अलौकिक डर और अनुभव भी हैं। स्थानीय गाइड्स खुद बताते हैं कि उन्होंने अचानक तापमान गिरना, बिना हवा के खिड़की-पर्दों का हिलना, और किसी के होने का आभास जैसी घटनाएं महसूस की हैं।

फिल्म शूटिंग के दौरान हुआ अजीब
बताया जाता है कि जब एक फिल्म की शूटिंग नाहरगढ़ किले में हो रही थी, तो कैमरों ने अचानक काम करना बंद कर दिया, और तकनीकी टीम ने अजीब शोर और साया देखे। इसके बाद उस लोकेशन को पूरी तरह छोड़ दिया गया।

क्या है सच्चाई?
हालांकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इन घटनाओं को ध्वनि तरंगों, पर्यावरणीय प्रभावों और मनोवैज्ञानिक भ्रम से जोड़कर देखा जाता है। लेकिन जो लोग यहां गए हैं, उनका कहना है कि “कुछ तो है” जो इस किले को सिर्फ एक दर्शनीय स्थल नहीं, बल्कि एक रहस्यमयी अनुभव बना देता है।