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Baba Ka Dhaba: बंद हुआ “बाबा का ढाबा ” रेस्टोरेंट

 

बाबा के ढाबे ने बीते साल में अचानक सुर्खियां बटोरीं थी। दिल्ली के मालवीय नगर स्थित इस ढाबे की चर्चा थी. इसका संचालन करने वाले बुजुर्ग दंपति कांता प्रसाद और बादामी देवी भी सुर्खियों में थे। उनका दर्द देखकर लोग मदद के लिए आगे आए और ‘बाबा का ढाबा’ जल्द ही एक रेस्टोरेंट में शिफ्ट हो गया। अब खबर है कि ‘बाबा का ढाबा’ फिर से उस मुकाम पर पहुंच गया है जहां से उन्होंने सुर्खियां बटोरी थीं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांता प्रसाद ने ग्राहकों की कमी के चलते रेस्टोरेंट को बंद कर दिया है. बताया जाता है कि ये ढाबा फरवरी में ही बंद हो गया था। मालूम हो कि यूट्यूब पर सोशल मीडिया पर बुजुर्ग दंपत्ति का वीडियो वायरल होने के बाद से बिक्री में 10 गुना उछाल आया था, जो कुछ महीने बाद काफी नीचे आ गया। प्रसाद ने मीडिया को बताया कि, ”कोरोना लॉकडाउन के कारण हमारा कारोबार चौपट हो गया. प्रतिदिन बिक्री 3500 रुपये से घटकर 1000 रुपये रह गई. आठ लोगों के परिवार को चलाने के लिए ये कमाई काफी नहीं थी.”

प्रसाद ने कहा कि उन्होंने रेस्टोरेंट में करीब पांच लाख रुपये का निवेश किया। तीन लोगों को काम पर रखा। मासिक खर्च करीब एक लाख रुपये था। किराए के लिए 35,000, तीन कर्मचारियों के वेतन के लिए 36,000 और बिजली-पानी के बिल और खाद्य सामग्री की खरीद के लिए 15,000. लेकिन औसत मासिक बिक्री कभी भी 40,000 रुपये से अधिक नहीं हुई। अतः ये सब उन्हें बहुत महंगा पड़ा, और वे अंततः इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि उनका रेस्तरां खोलना एक गलत निर्णय था।