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पटवों की हवेली में क्या वाकई भूत हैं? 2 मिनट के वायरल फुटेज में देखिये वो डरावनी दास्तान जो पीढ़ियों से छुपी रही

 

राजस्थान, अपने वैभवशाली इतिहास, सुनहरी रेत और भव्य किलों के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन इस शाही भूमि पर कुछ ऐसी इमारतें भी मौजूद हैं, जिनकी सुंदरता के पीछे छिपा है खौफ, रहस्य और अंधेरे का संसार। जैसलमेर की प्रसिद्ध पटवों की हवेली ऐसी ही एक अद्भुत कृति है — देखने में किसी राजमहल से कम नहीं, मगर इसके भीतर दफन हैं वो राज़, जो आज भी लोगों को हैरानी और भय से भर देते हैं।

<a href=https://youtube.com/embed/uAoTpo3nsb0?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/uAoTpo3nsb0/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" title="Patwon Ki Haveli Jaisalmer | पटवों की हवेली जैसलमेर का इतिहास, संरचना, कब-किसने बनवाई और कैसे पहुंचे" width="695">
पटवों की हवेली: भव्यता की मिसाल या भूतिया विरासत?
जैसलमेर के सोनार किले के पास स्थित यह हवेली 19वीं सदी में बनी थी। पटवा परिवार, जो उस समय के धनी व्यापारियों में से एक था, ने इसे बनवाया। कुल पाँच हवेलियों का यह समूह, पीले बलुआ पत्थर से बना हुआ है और इसकी वास्तुकला किसी अजूबे से कम नहीं लगती। खूबसूरत जालीदार खिड़कियाँ, महीन नक्काशी और पत्थरों में उकेरी गई कलाकृतियाँ हर सैलानी का मन मोह लेती हैं।लेकिन दिन की रोशनी में भले ही यह हवेली किसी चित्रकला जैसी प्रतीत हो, रात का अंधेरा इस हवेली का एक और चेहरा दिखाता है — एक ऐसा चेहरा जिसे देखकर लोग कांप उठते हैं।

कहते हैं… हवेली में आत्माओं की आवाज़ें आती हैं!
स्थानीय लोगों के अनुसार, पटवों की हवेली रात के समय पूरी तरह वीरान और सुनसान रहती है। कोई भी आसपास नहीं भटकता। कई बार पर्यटकों और वहां के गाइड्स ने यह दावा किया है कि उन्होंने हवेली के अंदर से अजीब सी आवाज़ें सुनी हैं — जैसे कोई धीमी कराह, किसी महिला की सिसकियाँ, दरवाजों का अपने आप खुलना और बंद होना।कुछ का मानना है कि हवेली के तहखानों में अतीत में ऐसी घटनाएँ घटी थीं, जिन्हें कभी सार्वजनिक नहीं किया गया। कहा जाता है कि पटवा परिवार ने अचानक यह हवेली छोड़ दी थी, और वे कभी वापस नहीं लौटे। इसका कारण आज तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन लोककथाओं में इस त्याग को किसी श्राप या अज्ञात भय से जोड़ा जाता है।

शाप या साजिश? इतिहास मौन है
ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार, पटवों की हवेली में कभी भरे पूरे परिवार रहा करते थे। पर जैसे ही ब्रिटिश शासन का प्रभाव बढ़ा और व्यापार पर अंकुश लगे, परिवार ने जैसलमेर छोड़ दिया। हालांकि, कुछ स्थानीय कथाओं में यह कहा जाता है कि हवेली में व्यापार को लेकर ऐसे गुप्त सौदे हुए थे, जिनका अंत धोखे, हत्या और काले जादू में हुआ।यह भी कहा जाता है कि एक युवा महिला, जो हवेली की एक सदस्य थी, उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। तब से यह हवेली “शापित” मानी जाने लगी। आज भी, हवेली के एक विशेष कक्ष को “भूतिया कमरा” कहा जाता है, जहां से हर रात अजीब सी ठंडी हवा और कभी-कभी हल्की सुगंध आती है — जैसे कोई अदृश्य उपस्थिति हो।

विज्ञान कहता है – भ्रम है, लेकिन भावनाएँ कहती हैं – डर सच है
भले ही इतिहासकार और वैज्ञानिक इस हवेली की डरावनी कहानियों को केवल अफवाह और मनोवैज्ञानिक भ्रम बताते हैं, मगर वहां जाने वाला हर व्यक्ति किसी न किसी अजीब अनुभूति की बात करता है। कई बार इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे कैमरा, मोबाइल या टॉर्च इस हवेली के अंदर काम करना बंद कर देते हैं — और बाहर आते ही ठीक हो जाते हैं।

क्या यह सब संयोग है या किसी अनजानी शक्ति का संकेत?
टूरिस्ट्स के अनुभव: “वहां कुछ तो है…”

विदेशी सैलानी हों या भारतीय, कई लोगों ने हवेली में महसूस की जाने वाली अजीब ऊर्जा की पुष्टि की है। एक फ्रेंच टूरिस्ट, जो जैसलमेर में डॉक्यूमेंट्री शूट करने आया था, उसने दावा किया कि रात में शूटिंग के दौरान कैमरे में एक परछाई कैद हुई, जबकि उस जगह कोई नहीं था।इसी तरह, एक भारतीय कपल ने TripAdvisor पर अपनी समीक्षा में लिखा कि उन्हें हवेली के अंदर किसी ने पीछे से पुकारा, लेकिन जब वे मुड़े तो वहां कोई नहीं था। वे दोनों उसी समय बाहर आ गए और दोबारा वहां कदम नहीं रखा।

क्या पटवों की हवेली एक भूतिया स्थल है?
इस सवाल का सीधा जवाब शायद न इतिहास दे सकता है, न विज्ञान। लेकिन यह तय है कि पटवों की हवेली सिर्फ अपनी सुंदरता के लिए मशहूर नहीं है, बल्कि वह राजस्थान की उन विरासतों में शामिल हो चुकी है, जो दिन में आकर्षक और रात में डरावनी हो जाती हैं।यह हवेली अब पर्यटन विभाग द्वारा संरक्षित की जा रही है, और दिन के समय पर्यटक यहां घूम सकते हैं। लेकिन रात के समय यह हवेली बंद रहती है — क्यों? इसका जवाब शायद सिर्फ हवेली ही जानती है।

पटवों की हवेली केवल एक ऐतिहासिक धरोहर नहीं, बल्कि एक रहस्य है — जो आज भी खुलने को तैयार नहीं। जो वहां जाता है, वो कुछ न कुछ अजीब महसूस करता है। हो सकता है ये सब महज संयोग हो… या फिर सचमुच वहां कोई अदृश्य शक्ति हो जो इस हवेली को अपना घर मानती है।