आप भी जरूर घूमे दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिर में,जहा करोडो की संख्या में आते है लोग
इस वक्त पूरी दुनिया की नजरें भारत पर टिकी हुई हैं. दरअसल, भारत इस समय जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। यह वैश्विक सम्मेलन 9 सितंबर से राजधानी दिल्ली में शुरू हो चुका है. आज समिट का दूसरा और आखिरी दिन है. समिट में हिस्सा लेने के लिए कई देशों के प्रतिनिधि भारत पहुंचे हैं. इसी क्रम में भारतीय मूल के ऋषि सुनक भी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार अपनी पत्नी के साथ भारत पहुंचे हैं।
इस दौरान दूसरे शिखर सम्मेलन की शुरुआत से पहले वह अपनी पत्नी अक्षिता मूर्ति के साथ दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर पहुंचे. मंदिर पहुंचे ऋषि सुनक ने पूजा-अर्चना की और स्वामीनारायण का आशीर्वाद लिया। अक्षरधाम मंदिर देशभर में बहुत प्रसिद्ध है। यहां हर साल बड़ी संख्या में लोग आते हैं। अगर आप भी इस मंदिर के दर्शन करने का प्लान बना रहे हैं तो आइए आपको बताते हैं इस मंदिर से जुड़ी खास बातों के बारे में-
जी20 शिखर सम्मेलन 9 सितंबर से राजधानी दिल्ली में शुरू हुआ था. आज जी20 शिखर सम्मेलन का दूसरा दिन था जहां यह सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. जी20 के पहले दिन पीएम मोदी ने सभी वैश्विक नेताओं का भारतीय धरती पर स्वागत किया. अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर आगे बढ़ें।' भारत के अलावा G20 देशों को क्या लगता है कि इस शिखर सम्मेलन से उन्हें क्या मिला?
ये खास रिकॉर्ड मंदिर के नाम है
दिल्ली में कॉमनवेल्थ खेलगांव के पास स्थित अक्षरधाम मंदिर को स्वामीनारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर का उद्घाटन 6 नवंबर 2005 को हुआ, फिर 8 नवंबर 2005 से दर्शन के लिए खोला गया। लगभग 100 एकड़ भूमि में फैला यह मंदिर दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिर के रूप में जाना जाता है। इतना ही नहीं, यह मंदिर सबसे बड़े हिंदू मंदिर के रूप में गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी अपना नाम दर्ज करा चुका है।
यही मंदिर की खासियत है
यह मंदिर अपनी खूबसूरती से हर किसी का दिल जीत लेता है। यह अपनी खूबसूरत वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है। यह मंदिर 10,000 साल पुरानी भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतिनिधित्व करता है। खास बात यह है कि मंदिर का निर्माण स्टील, स्टील या कंक्रीट के इस्तेमाल के बिना किया गया है। यह मंदिर गुलाबी बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर का उपयोग करके बनाया गया है।
मंदिर पांच साल में बनकर तैयार हुआ
पांच साल में बनकर तैयार हुए इस मंदिर को लगभग 11,000 कारीगरों ने बनाया था। मंदिर में 234 नक्काशीदार खंभे, 9 गुंबद और लगभग 20 हजार ऋषियों और देवताओं की मूर्तियां हैं। 350 फीट लंबा, 315 फीट चौड़ा और 141 फीट ऊंचा यह मंदिर हर साल लाखों लोगों को आकर्षित करता है।