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'गर्म पानी के झरने' का मजा लेने के लिए बेस्ट हैं भारत की ये मशहूर जगहें, डुबकी लगाने से भी सेहत को मिलेगा फायदा !

 

 ठंड के मौसम में प्राकृतिक गर्म झरनों का पानी न सिर्फ तनाव कम करने में मदद करता है, बल्कि इसमें नहाने से ब्लड सर्कुलेशन, मांसपेशियों में दर्द, त्वचा रोग आदि की समस्या भी दूर हो जाती है। यही वजह है कि लाखों पर्यटक ऐसे भौगोलिक स्थानों पर जाते हैं जहां गर्म पानी के झरने मौजूद होते हैं। भारत में हिमाचल प्रदेश, लद्दाख आदि कई स्थान हैं जहां पर्यटक या तीर्थयात्री गर्म पानी के झरनों का आनंद लेने आते हैं और चमत्कारिक लाभ लेकर चले जाते हैं।

दरअसल, यह गर्म पानी का झरना है जब पृथ्वी में गर्म मैग्मा चट्टानों को गर्म करता है, तो ये चट्टानें पानी के संपर्क में आती हैं और पानी को गर्म करती हैं, जिससे पानी गर्म होकर बाहर निकलता है। जमीन से बाहर आते ही यह बहुत गर्म हो जाता है। इसमें सोडियम, सल्फर और सल्फर की मात्रा अधिक होती है, जो एक औषधि की तरह काम करता है। यह गर्म पानी झरनों और तालाबों के रूप में निकलने लगता है। आइए जानते हैं देश में किन जगहों पर आप भी हॉट स्प्रिंग का लुत्फ उठा सकते हैं।

मणिकरण हिमाचल प्रदेश में स्थित एक प्रसिद्ध गर्म पानी का झरना है। इस जलस्रोत के बारे में कहा जाता है कि अगर कोई इसमें डुबकी लगा ले तो उसके सारे रोग दूर हो जाते हैं। कुल्लू से 45 किमी. की दूरी पर स्थित यह सरोवर पार्वती और ब्यास नदी के बीच स्थित हिंदुओं और सिखों का तीर्थ स्थल भी है जहां देश भर से लोग आते हैं।

लद्दाख में सियाचिन ग्लेशियर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर बेहद खूबसूरत घाटी है नुब्रा वैली। यहां के एक गांव में पनामिक कुंड मौजूद है। समुद्र तल से 10,442 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह गर्म पानी का झरना अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। इस कुंड का पानी बेहद गर्म है, जिसके कारण इसमें स्नान नहीं किया जा सकता है।

 मुनोत्री में एक गर्म पानी का स्रोत है, जिसे पहले ब्रह्मकुंड के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब इसे सूर्यकुंड के नाम से जाना जाता है। सूर्यकुंड यमुनोत्री मंदिर से करीब 20 किमी. की दूरी पर है इस ठंडी जगह पर गर्म पानी का मिलना किसी चमत्कार से कम नहीं है।

राजगीर में वैभवगिरि पहाड़ी पर कई गर्म कुंड हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि इन्हें भगवान ब्रह्मा ने देवी-देवताओं के लिए बनवाया था। यहां के लोकप्रिय कुंड हैं ऋषि कुंड, गंगा यमुना कुंड, गौरी कुंड, चंद्रन कुंड और राम लक्ष्मण कुंड आदि।