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‘लुटेरा’ में रणवीर सिंह ने किया जिस चंद्रताल का जिक्र, जानिए वहां कैसे पहुंचें

 

बॉलीवुड फिल्म ‘लुटेरा’ के उस मशहूर सीन में रणवीर सिंह का डायलॉग “मरने से पहले मैं एक बार चंद्रताल देखना चाहता हूं” सुनकर हर किसी के मन में ये सवाल जरूर उठता है — क्या वाकई चंद्रताल इतना खूबसूरत है कि कोई उसे मरने से पहले देखना चाहे? और जवाब है – हां, बिल्कुल! हिमाचल प्रदेश की बर्फीली वादियों में बसी चंद्रताल झील सिर्फ एक ट्रैवल डेस्टिनेशन नहीं, बल्कि प्रकृति की सबसे खूबसूरत कृतियों में से एक है।

 कहां है चंद्रताल?

चंद्रताल झील हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले में स्थित है। यह समुद्र तल से करीब 4,300 मीटर (लगभग 11,000 फीट) की ऊंचाई पर है। इसका नाम “चंद्र” यानी चांद और “ताल” यानी झील से मिलकर बना है, क्योंकि इसका आकार अर्धचंद्राकार है। यह झील स्पीति घाटी में स्थित है और अक्सर इसे 'मून लेक' भी कहा जाता है।

 क्या खास है चंद्रताल में?

  • रंग बदलती झील: यह झील अपने पानी के बदलते रंगों के लिए मशहूर है। सुबह के समय यह झील नीले रंग में नजर आती है, दोपहर को इसका रंग फिरोज़ी हो जाता है और शाम को ये हरे रंग की दिखाई देती है। यह दृश्य किसी जादू से कम नहीं लगता।

  • एडवेंचर लवर्स की जन्नत: चंद्रताल पहुंचने का रास्ता आसान नहीं है। ट्रेकिंग और ऊबड़-खाबड़ सड़कों के बाद जब आप इस झील तक पहुंचते हैं, तो इसकी शांति, विशालता और प्राकृतिक खूबसूरती आपकी सारी थकान दूर कर देती है।

     पौराणिक महत्व

कुछ पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस झील में चंद्र देव स्नान करने के लिए आए थे। यही वजह है कि इसे पवित्र स्थल भी माना जाता है और यहां का पानी भी काफी शुद्ध और पवित्र माना जाता है। बहुत से श्रद्धालु यहां से झील का पानी अपने साथ ले जाते हैं।

 कैसे पहुंचे चंद्रताल?

चंद्रताल तक पहुंचने के दो प्रमुख रास्ते हैं:

  1. मनाली के रास्ते:

    • मनाली से अटल टनल पार करके आप बातल पहुंच सकते हैं।

    • बातल से लगभग 14 किलोमीटर का रास्ता ट्रेकिंग या 4x4 गाड़ी से तय किया जा सकता है।

    • कुल दूरी: लगभग 110 किलोमीटर

  2. शिमला - किन्नौर - काजा - कुंजम पास के रास्ते:

    • यह मार्ग लंबा है लेकिन बहुत खूबसूरत भी है।

    • रास्ते में आप रेकोंग पियो, ताबो और काजा जैसे कई दर्शनीय स्थल देख सकते हैं।

नजदीकी हवाई अड्डा: भुंतर (कुल्लू)
नजदीकी रेलवे स्टेशन: शिमला
रोड कनेक्टिविटी: मनाली, काजा, और रोहतांग से अच्छी

 जाने का सबसे सही समय

चंद्रताल झील तक पहुंचने के लिए रास्ता सालभर खुला नहीं रहता। जून से सितंबर के बीच ही यहां जाना संभव है क्योंकि बाकी समय यह पूरा इलाका बर्फ से ढका रहता है और सड़कें बंद हो जाती हैं।

 फोटोग्राफी और मेडिटेशन के लिए परफेक्ट

चंद्रताल का शांत वातावरण, नीला-हरा पानी, आसपास की बर्फीली चोटियां और खुला आसमान—यह सब मिलकर इस जगह को परफेक्ट फोटोग्राफी लोकेशन बनाते हैं। अगर आप ध्यान, आत्मनिरीक्षण या मेडिटेशन करना चाहते , तो इससे शांत और दिव्य जगह आपको भारत में शायद ही कहीं मिले।

 क्या रखें साथ?

  • गर्म कपड़े (क्योंकि तापमान शून्य से नीचे भी जा सकता है)

  • हाई एनर्जी स्नैक्स और पानी

  • कैमरा और पावर बैंक

  • जरूरी दवाइयां और फर्स्ट ऐड किट

  • ट्रेकिंग शूज़ और टॉर्च