दुनिया के सबसे जहरीले सांप कोबरा के जहर का नशा करते हैं ये दो शख्स, वैज्ञानिक भी डरे

सांप का नाम सुनते ही अधिकांश लोगों के मन में डर और आशंका उत्पन्न हो जाती है। खासकर जब बात हो दुनिया के सबसे जहरीले सांप कोबरा की, तो डर का स्तर और भी बढ़ जाता है। लेकिन राजस्थान से आई एक चौंकाने वाली खबर ने इस डर को एक नए मोड़ पर ला दिया है। यहाँ के दो ऐसे शख्स सामने आए हैं जो दुनिया के सबसे जहरीले कोबरा सांप के जहर का नशा करते हैं। वे बिना इसके रह नहीं पाते और अपनी जीभ पर खुद को कोबरा से काटवाकर इस जहरीले पदार्थ का असर महसूस करते हैं। यह सुनकर वैज्ञानिक भी हैरान रह गए हैं।
कोबरा के जहरीले जहर का अनोखा नशा
चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रीसर्च (PGIMER) के वैज्ञानिकों ने जब इन दोनों शख्सों से मुलाकात की तो उन्हें उनके नशे की यह अनोखी आदत जानकर बड़ी हैरानी हुई। ये दोनों शख्स करीब 15 सालों से ऑपिऑइड जैसे नशीले पदार्थों के आदी थे, लेकिन धीरे-धीरे उनका शरीर उन नशों को स्वीकार नहीं करता था। ऐसे में उन्होंने कोबरा के जहरीले जहर को अपना नया नशा बना लिया।
कैसे होता है यह नशा?
इन दोनों शख्सों की आदत थी कि वे सपेरों के पास जाकर खुद को कोबरा सांप की जीभ पर काटवाते थे। जब सांप उनकी जीभ पर डंक मारता था तो उन्हें तुरंत शरीर में झटके महसूस होते थे और उनकी दृष्टि धुंधली हो जाती थी। लगभग एक घंटे तक वे शरीर और मन से सुन्न हो जाते थे। लेकिन जैसे ही वे होश में आते थे, उन्हें गहरा सुख और आनंद महसूस होता था।
वे बताते हैं कि यह नशा शराब या अन्य नशीले पदार्थों से कहीं अधिक असरदार और मन को संतुष्टि देने वाला होता है। उनकी मानें तो इस नशे के कारण उन्हें 3 से 4 हफ्तों तक खुशी, आत्मविश्वास और गहरी नींद मिलती है।
परिवार और पृष्ठभूमि
यह जानकर भी हैरानी होती है कि ये दोनों शख्स अच्छे और सभ्य परिवारों से आते हैं। नशे की इस आदत ने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया था, लेकिन फिर भी वे अपनी इस अनोखी और खतरनाक नशे की आदत को नहीं छोड़ पाए।
वैज्ञानिकों की प्रतिक्रिया और रिसर्च
डॉ. विकास सूरी, जो PGIMER से जुड़े हैं, ने बताया कि ऐसे मामले बहुत कम सामने आते हैं, इसलिए यह समझना मुश्किल होता है कि इस जहरीले जहर का नशा करने वाले लोगों के शरीर पर क्या-क्या प्रभाव पड़ते हैं। हालांकि जहर का असर काफी घातक होता है, लेकिन इन लोगों ने इसे एक तरह से नियंत्रित करके अपने लिए नशा का माध्यम बना लिया है।
डॉ. ग्रोवर ने बताया कि भारत में अब तक सांप के जहर से नशा करने के चार मामले सामने आए हैं, जो इस बात को दर्शाता है कि यह आदत ज्यादा सामान्य नहीं है। PGIMER अब इस अनोखी और खतरनाक प्रवृत्ति पर विस्तृत शोध करने जा रहा है ताकि इसके कारणों और प्रभावों को समझा जा सके।
क्या है कोबरा के जहर का असर?
कोबरा का जहर अत्यंत जहरीला होता है और सामान्यत: यह तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। इसके डंक लगने पर व्यक्ति के शरीर में कमजोरी, सांस लेने में दिक्कत, बेहोशी और गंभीर स्थिति में मृत्यु भी हो सकती है। परंतु इस मामले में दोनों शख्स कुछ हद तक जहर के प्रति सहिष्णु हो गए हैं या फिर वे नियंत्रित मात्रा में जहरीले जहर का सेवन कर रहे हैं, जिससे वे नशे की अनुभूति प्राप्त कर रहे हैं।
नशे की खतरनाक लत और उससे बचाव
यह घटना हमें इस बात की याद दिलाती है कि नशे की लत कितनी खतरनाक हो सकती है और इंसान किस हद तक जाकर अपनी जान को जोखिम में डाल सकता है। जहरीले पदार्थों से नशा करना न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है बल्कि मानसिक स्थिति को भी प्रभावित करता है। ऐसे मामलों में परिवार, समाज और चिकित्सा संस्थानों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है।
निष्कर्ष
राजस्थान के इस अनोखे और खतरनाक मामले ने एक बार फिर यह दिखाया कि नशे की आदत किसी भी व्यक्ति को किसी भी स्थिति में ले जा सकती है। कोबरा के जहरीले जहर का नशा करना न सिर्फ खतरनाक है, बल्कि यह एक ऐसी आदत है जो मानव स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकती है। ऐसे मामलों पर वैज्ञानिकों का शोध और जागरूकता अभियान बहुत जरूरी है ताकि इस तरह की खतरनाक प्रवृत्तियों को समझा और नियंत्रित किया जा सके।