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दुनिया की सबसे वजनी महिला ने सर्जरी के बाद कम किया 100 किलो वजन

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दुनिया की सबसे वजनी महिला मानी जाने वाली मिस्र की इमान अहमद का मुंबई के सैफी हॉस्पिटल में इलाज जारी है। इमान जब भारत पहुंचीं तो उनका वजन 450 किलो से भी ज्यादा था। मगर अब उनके इलाज को लेकर अच्छी खबर सामने आई है। डॉक्टरों की देखरेख और विशेष डाइट से महज एक महीने में उनका वजन करीब 120 किलो तक घट चुका है। यह उनके स्वास्थ्य में सुधार का बहुत अहम संकेत माना जा रहा है।

अब बैठने की स्थिति में हैं इमान

डॉक्टरों के अनुसार, लगातार वजन घटने से इमान की दिनचर्या में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिल रहा है। शुरुआत में जहां उन्हें उठने-बैठने में मदद की जरूरत पड़ती थी, अब वे अपने बल पर बैठने में सक्षम हो गई हैं। उनका शरीर अब पहले की तुलना में कहीं ज्यादा हल्का हो गया है, जिससे उनके मसल्स भी धीरे-धीरे एक्टिव हो रहे हैं।

भारत पहुंचना था बहुत बड़ी चुनौती

इमान को मुंबई लाना एक बड़ी चुनौती साबित हुआ था। उनका वजन इतना ज्यादा था कि उन्हें एंबुलेंस की जगह ट्रक जैसे विशेष वाहन में सैफी हॉस्पिटल लाया गया। विमान से मुंबई एयरपोर्ट लाने के लिए भी विशेष एयर एंबुलेंस का इंतजाम किया गया था। मिस्र से भारत लाने की प्रक्रिया में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की भी विशेष भूमिका रही। उन्होंने मानवीय आधार पर इमान को मेडिकल वीजा दिलवाया और उनके लिए भारत में विशेष इलाज की सुविधा सुनिश्चित कराई।

उनके लिए बनाया गया विशेष अस्पताल

मुंबई के सैफी हॉस्पिटल में इमान के इलाज के लिए एक विशेष ICU यूनिट बनाई गई है। यहां उनके लिए लंदन से एक खास बेड मंगवाया गया है, जो 500 किलो तक वजन सहन करने में सक्षम है। इमान के इलाज में 16 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम और 8 प्रशिक्षित नर्सें 24 घंटे तैनात रहती हैं। उनके खान-पान, नींद, शारीरिक गतिविधियों से लेकर मानसिक स्थिति तक हर पहलू पर विशेषज्ञ नजर बनाए हुए हैं।

अभी नहीं हुई सर्जरी, लेकिन जल्द उम्मीद

इमान का इलाज बेरिएट्रिक सर्जरी के ज़रिए किया जाना है, जिसमें पेट के आकार को छोटा किया जाता है ताकि भोजन की मात्रा सीमित हो और वजन तेजी से घटे। हालांकि अभी तक उनकी सर्जरी नहीं हुई है क्योंकि उनका शरीर सर्जरी के लिए पूरी तरह तैयार नहीं था। डॉक्टरों के मुताबिक, इमान का शरीर जब MRI मशीन में आने लायक आकार में आ जाएगा, तब सर्जरी की जाएगी। उम्मीद है कि अगले महीने तक उनकी सर्जरी की जा सकती है

डॉक्टरों का नजरिया और इलाज की रणनीति

सैफी अस्पताल के प्रमुख सर्जन डॉ. मुफज्जल लकड़ावाला ने कहा, “हमारा पहला उद्देश्य सर्जरी नहीं बल्कि इमान की स्थिति को स्थिर और सर्जरी के योग्य बनाना है। पिछले एक महीने में हमने इमान को विशेष तरल डाइट दी है, जिससे उनका मेटाबॉलिज्म सुधरा और वजन तेजी से घटा।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर इसी तरह सुधार जारी रहा तो आने वाले सप्ताहों में सर्जरी सफलतापूर्वक की जा सकेगी।

मानसिक रूप से भी हो रहा सुधार

इमान लंबे समय से बिस्तर पर पड़ी थीं और उनका सामाजिक जीवन लगभग समाप्त हो चुका था। लेकिन अब जब उनका वजन कम हो रहा है और वे बैठने में सक्षम हो रही हैं, तो उनका आत्मविश्वास भी धीरे-धीरे लौटने लगा है। डॉक्टरों के अनुसार, इमान अब पहले की तुलना में ज्यादा बातचीत करने लगी हैं, जो मानसिक रूप से भी उनके सुधार का संकेत है।

मिस्र से भारत तक का भावनात्मक सफर

इमान की बहन शाइमा अहमद भी इलाज के लिए उनके साथ भारत आई हैं। उन्होंने बताया, “हमने कभी नहीं सोचा था कि कोई देश हमारी इतनी मदद करेगा। भारत ने जिस तरह से हमारी बहन को जीवन देने की कोशिश की है, उसके लिए हम तहे दिल से शुक्रगुजार हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि मिस्र में डॉक्टरों ने इमान को जवाब दे दिया था, लेकिन भारत आकर उन्हें नई उम्मीद और नई जिंदगी मिली है।

निष्कर्ष

इमान अहमद की कहानी केवल एक मेडिकल केस नहीं, बल्कि संघर्ष, उम्मीद और मानवता की मिसाल है। भारत ने न केवल उनके लिए इलाज के रास्ते खोले, बल्कि उन्हें फिर से जीने का मौका भी दिया। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता रहा, तो आने वाले महीनों में इमान ना सिर्फ अपना वजन और बढ़ा घटा सकेंगी, बल्कि शायद एक दिन अपने पैरों पर चलने की दिशा में भी बढ़ सकें।

यह साबित करता है कि सही इलाज, देखभाल और इच्छाशक्ति से असंभव भी संभव हो सकता है।

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