चमत्कार! यहां दशहरे के दिन सीधी हो जाती है माता काली की झुकी हुई गर्दन, 5000 साल पुरानी है मान्यता
देश में कई ऐसे चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर हैं, जिनके बारे में जानकर लोग हैरान रह जाते हैं। देश में देवी मां के कई चमत्कारी मंदिर भी मौजूद हैं। देवी माँ का एक ऐसा ही चमत्कारी मंदिर भोपाल से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है। कंकाली माता का यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। कंकाली मंदिर अपने चमत्कारों के लिए देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। दशहरे के दिन इस मंदिर में चमत्कार देखे जा सकते हैं। माता के इस चमत्कार को देखने के लिए लाखों भक्त यहां पहुंचते हैं। मान्यता है कि जो भी भक्त का यह चमत्कार अपनी आंखों से देख लेता है, उसके सारे बिगड़े काम बन जाते हैं।
दरअसल, दशहरे के दिन मां कंकाली देवी की गर्दन सीधी हो जाती है। इस रहस्य को अभी तक कोई नहीं सुलझा पाया है। इस मंदिर में वर्ष भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। मंदिर के बारे में एक मान्यता है। कि दशहरे के दिन मां कंकाली देवी की प्रतिमा की टेढ़ी गर्दन सीधी हो जाती है। दशहरा 12 अक्टूबर को पूरे देश में मनाया जा रहा है। इस दिन चमत्कार देखने के लिए कंकाली मंदिर में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहेंगे।
रुदावल गांव में स्थित मां कंकाली के इस मंदिर में देवी मां की मूर्ति की गर्दन 45 डिग्री पर झुकी हुई है। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर की स्थापना 1731 के आसपास हुई थी। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि खुदाई के दौरान यहां एक मूर्ति मिली थी। हालाँकि, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि मंदिर कब अस्तित्व में आया। लोग यहां संतान प्राप्ति की कामना लेकर आते हैं। यहां भक्तजन गाय के गोबर से उल्टे हाथ के निशान बनाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से माता का आशीर्वाद मिलता है और संतान की प्राप्ति होती है। जब इच्छा पूरी हो जाती है तो हाथों के सीधे निशान बनाए जाते हैं।
इस मंदिर में कंकाली देवी की मूर्ति की 20 भुजाएं हैं। मूर्ति के साथ भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश की मूर्तियां भी मौजूद हैं। वैसे तो यहां साल भर भक्तों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन नवरात्रि के दौरान यहां भारी भीड़ देखी जाती है। दशहरे के दिन यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता का चमत्कार देखने पहुंचते हैं।