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यहां विरोध प्रदर्शन के लिए सड़क पर जूते छोड़ रही महिलाएं, वजह है कुछ खास

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विरोध प्रदर्शन समाज में किसी विशेष मुद्दे को उठाने और संबंधित अधिकारियों से अपनी मांगें मनवाने का एक प्रमुख तरीका है। इसके जरिए लोग अपने हक के लिए आवाज उठाते हैं और सरकार या किसी संगठन पर दबाव डालते हैं। हालाँकि, विरोध प्रदर्शन के तरीकों में विविधता देखने को मिलती है, और कुछ प्रदर्शन ऐसे होते हैं जो अपनी अनोखी शैली से ध्यान आकर्षित करते हैं। इस बार ऐसा ही कुछ इजरायल में देखने को मिला, जहां महिलाओं ने घरेलू हिंसा के खिलाफ विरोध जताने के लिए जूतों का इस्तेमाल किया, और इस अनोखे प्रदर्शन ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी।

घरेलू हिंसा के खिलाफ महिलाओं का अनोखा विरोध

इजरायल में घरेलू हिंसा की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ महिलाओं ने एक अनोखा तरीका अपनाया। यहां की महिलाओं का कहना है कि सरकार द्वारा घरेलू हिंसा के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, और यही कारण है कि वे गुस्से में हैं। इस गुस्से का इजहार करने के लिए महिलाओं ने एक आंदोलन शुरू किया, जिसमें वे अपने लाल रंग के जूते छोड़कर प्रदर्शन करती हैं। यह जूते घरेलू हिंसा के प्रतीक के रूप में रखे जाते हैं, और इन जूतों को देखकर हर किसी को एहसास होता है कि वे महिलाओं की आवाज़ और उनके दर्द का प्रतीक हैं।

हबिमा चौक पर जूतों की कतार

यह अनोखा विरोध प्रदर्शन इजरायल की राजधानी येरुशलम के हबिमा चौक पर हुआ। यहां सड़क पर महिलाओं ने अपनी जूतियों की कतारें लगाईं, जो इस बात का प्रतीक थीं कि घरेलू हिंसा की शिकार हो चुकीं महिलाओं का दर्द अब समाज के सामने आना चाहिए। जूतों को महिलाएं घर में हुई हिंसा के खिलाफ एक मजबूत प्रतीक के रूप में इस्तेमाल कर रही थीं। इस विरोध प्रदर्शन ने न केवल हिंसा के खिलाफ लड़ने का संदेश दिया, बल्कि यह भी दर्शाया कि महिलाएं अब चुप नहीं बैठेंगी और वे अपनी आवाज उठाकर बदलाव चाहती हैं।

कपड़ों पर लाल रंग और तख्तियों पर आंकड़े

इस प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने अपने कपड़ों पर लाल रंग लगाकर हिंसा का शिकार हुई महिलाओं के प्रति अपनी संवेदनाओं को व्यक्त किया। लाल रंग का इस्तेमाल इस बात का प्रतीक था कि हिंसा का असर गंभीर और खून से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, महिलाओं ने तख्तियों पर उन महिलाओं के आंकड़े लिखकर प्रदर्शन किया, जो घरेलू हिंसा के कारण मारी गईं। इन आंकड़ों में यह भी बताया गया कि किस प्रकार घरेलू हिंसा के कारण कई महिलाएं अपनी जान गंवा चुकी हैं।

प्रधानमंत्री को संदेश: "जागो, हमारा खून भी बेकार नहीं है"

इस विरोध प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को भी संदेश दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि वे महिलाओं की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाएं। महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन के दौरान नारा लगाया, "जागो, हमारा खून भी बेकार नहीं है"। यह नारा एक दृढ़ संदेश था, जिसमें यह कहा गया कि महिलाएं अब खामोश नहीं रहेंगी और उनके खून की कीमत नहीं सस्ती होने दी जाएगी। महिलाओं का यह बयान सीधे तौर पर यह जताता था कि वे अब अपने अधिकारों के लिए खड़ी हैं और सरकार से कुछ ठोस कदम की मांग कर रही हैं।

घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएं

इस साल इजरायल में घरेलू हिंसा के कारण 24 महिलाएं मारी गईं, जिनकी मौत हिंसा के कारण हुई। यह आंकड़े अत्यधिक चिंताजनक हैं, और इसने इजरायली महिलाओं को एकजुट कर दिया है। इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने वालों में 20,000 से अधिक लोग शामिल हुए थे। यह संख्या दर्शाती है कि महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के लिए इजरायल के समाज में व्यापक चिंता और जागरूकता है।

समाज में बदलाव की आवश्यकता

इस अनोखे विरोध प्रदर्शन ने समाज में एक बड़ा सवाल खड़ा किया है कि क्या हम महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में सुधार के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं? क्या हमारी सरकारें और समाज महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा को गंभीरता से ले रहे हैं? महिलाओं ने अपनी जान जोखिम में डालकर सरकार से यह सवाल पूछा है कि क्या उन्हें भी इंसान समझा जाता है, या वे सिर्फ संख्या बनकर रह गई हैं?

निष्कर्ष

इजरायल की महिलाओं का यह विरोध प्रदर्शन सिर्फ एक आंदोलन नहीं है, बल्कि यह समाज में एक संदेश देने की कोशिश है। जूतों का यह अनोखा इस्तेमाल न केवल घरेलू हिंसा की समस्या की गंभीरता को उजागर करता है, बल्कि यह महिलाओं की आक्रोश और दर्द का प्रतीक भी बन गया है। महिलाओं ने यह साबित कर दिया कि वे अब चुप नहीं बैठेंगी और वे हर हालत में अपनी आवाज उठाकर बदलाव लाएंगी। अब यह समय है कि समाज और सरकार दोनों मिलकर इस मुद्दे को गंभीरता से लें और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

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