Samachar Nama
×

फेसबुक पर महिला खुलेआम बेच रही थी बॉडी पार्ट्स, बोली- मुझे नहीं पता ये गैरकानूनी है

फेसबुक मार्केटप्लेस जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल आमतौर पर लोग पुराने फर्नीचर, कपड़े, गैजेट्स या अन्य सामान खरीदने और बेचने के लिए करते हैं। लेकिन अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ सोशल मीडिया को हिला दिया, बल्कि पुलिस प्रशासन को भी चौंका कर रख दिया।

यह मामला सामने आया है 52 वर्षीय किम्बर्ली ऐनी शॉपर (Kymberlee Anne Schopper) का, जो डेल्टोना (Deltona), फ्लोरिडा की रहने वाली हैं। उन पर फेसबुक मार्केटप्लेस के जरिए इंसानी हड्डियां बेचने का गंभीर आरोप है। महिला ने खुलेआम इंसानी शरीर के हिस्सों की तस्वीरें पोस्ट की थीं और उन्हें तय कीमतों पर बिक्री के लिए उपलब्ध कराया था।

कब और कैसे खुलासा हुआ मामला?

न्यूयॉर्क पोस्ट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह मामला दिसंबर 2023 में तब उजागर हुआ जब पुलिस को सूचना मिली कि फेसबुक पर Wicked Wonderland नामक एक पेज से इंसानी हड्डियां बेची जा रही हैं। पुलिस को सूचना मिली कि इस पेज पर खोपड़ी, पसली, कंधे की हड्डी, हंसली और यहां तक कि आंशिक मानव खोपड़ी भी बिक्री के लिए लिस्ट की गई हैं।

सूचना मिलते ही पुलिस ने इस पेज की निगरानी शुरू की और कुछ ही समय में कई चौंकाने वाले सबूत सामने आए। पेज पर पोस्ट की गई तस्वीरों में हड्डियों के साथ उनकी कीमत भी लिखी गई थी। इसके बाद पुलिस ने किम्बर्ली के घर पर छापेमारी की और इंसानी हड्डियों का जखीरा बरामद किया

क्या-क्या बेचा जा रहा था?

पुलिस द्वारा जब्त किए गए सामान और फेसबुक पेज की जानकारी के मुताबिक, महिला ने जिन इंसानी अंगों को बेचने की कोशिश की, उनमें शामिल थे:

  • दो मानव खोपड़ी – कीमत लगभग 90 डॉलर प्रति खोपड़ी (₹7,500 से अधिक)

  • हंसली और कंधे की हड्डी – कीमत लगभग 90 डॉलर

  • एक मानव पसली – कीमत 35 डॉलर (₹3,000 से अधिक)

  • मानव कशेरुक (Vertebrae) – कीमत 35 डॉलर

  • आंशिक मानव खोपड़ी – कीमत 600 डॉलर (₹52,000 के करीब)

इनकी कुल कीमत भले ही ज्यादा न लगे, लेकिन जो चीजें बेची जा रही थीं, वो बेहद संवेदनशील और कानूनन प्रतिबंधित हैं।

महिला का दावा – "मुझे नहीं पता था ये गैरकानूनी है!"

किम्बर्ली ऐनी शॉपर को गिरफ्तार करने के बाद जब पुलिस ने पूछताछ की, तो महिला ने हैरान कर देने वाला बयान दिया। उसने कहा कि वो कई सालों से ऐसा कर रही थी, लेकिन उसे नहीं पता था कि इंसानी हड्डियों का व्यापार गैरकानूनी है।

महिला ने यह भी दावा किया कि उसके पास सभी हड्डियां वैध रूप से खरीदी गई थीं और उसके पास ट्रांजेक्शन के पेपर्स भी हैं। हालांकि, वो दस्तावेज जांच के समय पेश नहीं कर पाई। इसके चलते पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और फिर $7500 (लगभग ₹6.46 लाख) के बॉन्ड पर जमानत पर रिहा कर दिया।

क्या थीं ये हड्डियां?

जांच के दौरान पुलिस ने सभी हड्डियों को मेडिकल एग्जामिनेशन के लिए भेजा। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ हड्डियां 100 साल से भी पुरानी थीं, जबकि कुछ 500 साल से अधिक पुरानी हो सकती हैं। इसका मतलब ये है कि ये हड्डियां किसी मॉडर्न समय की नहीं थीं, बल्कि ऐतिहासिक या पुरातात्विक हो सकती हैं। हालांकि, इस पर अब भी जांच जारी है कि आखिर ये हड्डियां महिला तक कैसे पहुंचीं और उसने उन्हें कहां से खरीदा।

क्या है कानून?

अमेरिका में इंसानी अवशेषों का खरीद-फरोख्त बेहद सख्त कानूनों के अधीन आता है। बिना मेडिकल अथवा वैज्ञानिक उद्देश्य के किसी भी प्रकार की हड्डी की बिक्री अवैध मानी जाती है। इस मामले में महिला का दावा भले ही हो कि उसे नहीं पता था, लेकिन "कानून की जानकारी न होना, अपराध से बचने का आधार नहीं होता" – यह बात पुलिस ने भी दोहराई।

निष्कर्ष

यह मामला एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर करता है कि इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर किसी भी चीज की बिक्री पर निगरानी कितनी जरूरी है। जहां एक तरफ लोग इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल सही तरीके से करते हैं, वहीं कुछ लोग इनका दुरुपयोग करके ऐसे घिनौने अपराध भी कर डालते हैं।

फेसबुक मार्केटप्लेस जैसी साइट्स को भी अब और अधिक सतर्कता बरतनी होगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

Share this story

Tags