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महिला ने अपने पति को दिया धोखा, एक साथ अलग-अलग पुरुष के दो बच्चों की बनीं मां

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दुनिया में अजीबो-गरीब घटनाएं आए दिन सामने आती रहती हैं, लेकिन कुछ खबरें इतनी चौंकाने वाली होती हैं कि उन पर यकीन करना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसी ही एक सनसनीखेज घटना चीन से सामने आई है, जहां एक महिला एक साथ दो अलग-अलग पुरुषों के बच्चों की मां बन गई।

यह मामला चीन के जिआमेन शहर का है और अब पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन चुका है। इस घटना ने विज्ञान और मेडिकल फील्ड से जुड़े लोगों को भी हैरान कर दिया है, क्योंकि ऐसी घटनाएं बेहद दुर्लभ होती हैं।

धोखे से उजागर हुआ सच

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला ने अपने पति को धोखा देकर किसी और पुरुष के साथ संबंध बनाए थे। जब वह जुड़वां बच्चों की मां बनी, तो पति को बच्चों के चेहरे देखकर शक हुआ, क्योंकि दोनों बच्चों की शक्ल एक-दूसरे से काफी अलग थी।

शक बढ़ने पर पति ने दोनों बच्चों का डीएनए टेस्ट कराने का फैसला किया। जब डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आई तो खुलासा हुआ कि दोनों बच्चों में से एक का जैविक पिता वह स्वयं नहीं है। इस चौंकाने वाले परिणाम के बाद महिला से सख्ती से पूछताछ की गई, तब उसने स्वीकार किया कि उसने शादी के दौरान किसी अन्य पुरुष के साथ संबंध बनाए थे।

मेडिकल साइंस में इस घटना को क्या कहा जाता है?

विशेषज्ञों के अनुसार, मेडिकल साइंस में इस घटना को सुपरफेकंडेशन (Superfecundation) कहा जाता है। यह एक दुर्लभ जैविक प्रक्रिया है, जिसमें एक महिला के शरीर में एक ही समय में दो अलग-अलग पुरुषों के स्पर्म से दो अंडाणु निषेचित हो जाते हैं।

फुजिआन झेन्गतई फॉरेंसिक आइडेंटिफिकेशन सेंटर के डायरेक्टर ने बताया कि डीएनए टेस्ट से यह स्पष्ट हो गया था कि दोनों बच्चों के बायोलॉजिकल फादर अलग-अलग हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला बहुत ही असामान्य है और मेडिकल इतिहास में भी ऐसे बहुत कम उदाहरण दर्ज हैं।

कैसे संभव होती है सुपरफेकंडेशन?

सुपरफेकंडेशन तब संभव होती है जब महिला का शरीर एक ही मासिक चक्र के दौरान दो अंडाणु रिलीज करता है, और महिला दो अलग-अलग पुरुषों के साथ अंतरंग संबंध बनाती है। यदि दोनों पुरुषों का शुक्राणु अलग-अलग अंडाणुओं को निषेचित कर दे, तो ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां जुड़वां बच्चे होते हैं लेकिन उनके जैविक पिता अलग-अलग होते हैं।

हालांकि, यह प्रक्रिया स्वाभाविक रूप से बहुत दुर्लभ है और आमतौर पर ऐसे मामले सामने नहीं आते। दुनिया भर में सुपरफेकंडेशन के केवल कुछ ही केस डॉक्यूमेंटेड हैं।

सामाजिक और पारिवारिक प्रभाव

इस घटना ने न केवल महिला और उसके पति के निजी जीवन को झकझोर कर रख दिया, बल्कि सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर बहस छिड़ गई है। कई लोग इसे नैतिक मूल्यों के पतन का उदाहरण मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे एक दुर्लभ मेडिकल चमत्कार के तौर पर देख रहे हैं।

पति ने अब अपने बच्चे की कस्टडी को लेकर भी कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह उस बच्चे को स्वीकार करने से इंकार कर रहा है जो उसका जैविक पुत्र नहीं है।

निष्कर्ष

चीन के इस हैरान कर देने वाले मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि विज्ञान के दायरे में भी कई बार ऐसे चमत्कारी और दुर्लभ घटनाक्रम घट सकते हैं, जो सामान्य समझ से परे होते हैं। हालांकि, इस घटना ने रिश्तों की पारदर्शिता और विश्वास के महत्व पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

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