देश में इकलौते सालासर मंदिर में ही क्यों पूजे जाते हैं दाढ़ी मूंछ वाले हनुमानजी?

हिंदू धर्म में जिस तरह से लोग किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले श्री गणेश की पूजा करते हैं, उसी तरह जब वे संकट में होते हैं, तो अपनी परेशानियों को दूर करने के लिए हनुमान जी की पूजा करते हैं। लोगों का मानना है कि अगर हनुमान जी का आशीर्वाद उनके साथ है तो उन्हें किसी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।
यही कारण है कि लोग भूत-प्रेत से डरते ही तुरंत हनुमान चालीसा पढ़ना शुरू कर देते हैं। मंगलवार को आमतौर पर हर मंदिर में हनुमान भक्तों की भीड़ देखी जाती है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में एक ऐसा मंदिर भी है जहां दाढ़ी-मूंछ वाले हनुमान जी की पूजा की जाती है। तो अगर आप हुनमान जी के बड़े भक्त हैं तो उनके इस मंदिर के बारे में पढ़ना न भूलें।
राजस्थान के चुरू जिले में श्री सालासर बालाजी धाम मंदिर नामक मंदिर में दाढ़ी-मूंछ वाले भगवान हनुमान की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि यह भारत का पहला ऐसा मंदिर है जहां दाढ़ी-मूंछ वाली बालाजी की मूर्ति स्थापित है। भगवान के भक्त पूजा के दौरान बालाजी के चेहरे पर सिंदूर भी लगाते हैं।
एक बार एक किसान खेत में हल चला रहा था, तभी उसे जमीन में दबी दो मूर्तियाँ मिलीं। एक मूर्ति हनुमान जी की थी और दूसरी मूर्ति बालाजी की थी। कहा जाता है कि एक रात बालाजी उस किसान के सपने में आये और उसे उस मूर्ति को चूरू जिले के सालासर में स्थापित करने को कहा। तब से वह मूर्ति सालासर में तथा दूसरी मूर्ति पाबोलम में स्थापित है, जहां बड़ी संख्या में भक्तगण एकत्रित होते हैं।
इस मंदिर तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग भी बहुत सुविधाजनक है इसलिए आप बस या कार से जा सकते हैं। बालाजी का यह मंदिर जयपुर-बीकानेर राजमार्ग पर स्थित है। दिल्ली से इस स्थान की दूरी मात्र कुछ घंटों की है और इसीलिए लोग सप्ताहांत में यहां भगवान के दर्शन के लिए जाते हैं।