Samachar Nama
×

कॉल उठाते ही क्यों कहते हैं Hello? पहले चुना गया था दूसरा शब्द! दो वैज्ञानिकों की 'लड़ाई' से शुरू हुआ चलन

;;;;;;;;;;;;;;;

दूर रखे लैंडलाइन फोन की घंटी सुनते ही लोग उसपर लपकते हैं और कॉल उठाते ही कहते हैं, हैलो! मोबाइल फोन में जब बेल बजती है तो धीरे से उसे अपनी जेब से निकालते हैं और कॉल उठाते ही बोलते हैं, ‘हैलो’! अमीर हो या गरीब, पढ़ा लिखा हो या अनपढ़, शहरी हो या ग्रामीण इलाके में रहने वाला, हर कोई कॉल उठाने के बाद हैलो ही कहता है. अंग्रेजी का शब्द ‘हैलो’ भारत समेत दुनिया के कई देशों में फोन उठाने के बाद बोला जाने वाला पहला शब्द है. पर क्या आप जानते हैं कि सिर्फ इसी शब्द को क्यों चुना गया.

एलेक्सैंडर ग्राहम बेल को टेलिफोन बनाने का श्रेय जाता है. उन्होंने साल 1876-1877 के बीच इसका आविष्कार किया था. पर उन्होंने कॉल उठाते ही जिस शब्द को बोलने के लिए चुना था, वो हैलो नहीं था. रीडर्स डायजेस्ट वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार बेल ने तय किया कि कॉल उठाते ही लोग अहॉय कहेंगे. ये डच शब्द हॉई से बना है जो ग्रीटिंग के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है. पर ये शब्द, हैलो से 100 साल पहले से इस्तेमाल किया जा रहा है. वो अपनी पूरी जिंदगी इस शब्द को इस्तेमाल करने के तैयार थे.

बेल के शब्द को क्यों गलत ठहराया गया?
पर ये शब्द काफी अटपटा था. उस दौरान हैलो शब्द ग्रीटिंग के लिए नहीं इस्तेमाल होता था, बल्कि उसे ध्यान आकर्षित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था. जब टेलिफोन का आविष्कार हुआ, तो वो वॉकी-टॉकी की तरह उपयोग होता था. बात तो हो जाती थी मगर ये नहीं मालूम चलता था कि बात कब हो रही है और कब किसी को चौकन्ना होकर सुनना है. इस वजह से लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए ही थॉमस एडिसन (Thomas Edison) ने हैलो शब्द को चुना. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी वैज्ञानिक बेल के चुने हुए शब्द की जगह हैलो को प्रपोज किया.

एडिसन ने दिया था हैलो का प्रस्ताव
एडिसन ने पिट्सबर्ग में सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट एंड प्रिंटिंग टेलिग्राफ कंपनी के प्रेसिडेंट को खत लेकर हैलो शब्द इस्तेमाल करने का प्रस्ताव भेजा था. उस दौर की शुरुआत फोन बुक्स ने भी हैलो को आधिकारिक ग्रीटिंग का शब्द मान लिया. तब से फोन उठाते ही हैलो का प्रयोग होने लगा. देखा जाए तो हैलो के बाद हम क्या बात करते हैं, वो ज्यादा महत्वपूर्ण है, ना कि हैलो.

Share this story

Tags