तीन दिनों तक क्यों बंद रहते हैं मां कामाख्या के मंदिर के कपाट? जानें इसका रहस्य
भारत एक ऐसा देश है जिसे मंदिरों की भूमि कहा जाता है। यहां हज़ारों साल पुराने ऐसे प्राचीन मंदिर मौजूद हैं जो न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण हैं, बल्कि रहस्यों और चमत्कारों से भी भरे हुए हैं। इन्हीं रहस्यमयी मंदिरों में से एक है — कामाख्या देवी मंदिर, जो असम की राजधानी गुवाहाटी में स्थित है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है और मां कामाख्या को समर्पित है।
आस्था और मान्यताओं का केंद्र
कामाख्या मंदिर के प्रति लोगों की गहरी श्रद्धा है। मान्यता है कि जो भी एक बार मां कामाख्या के दर्शन कर लेता है, उसके सारे पाप मिट जाते हैं। यह मंदिर अघोरियों और तांत्रिकों का प्रमुख केंद्र माना जाता है, जहां देश-विदेश से साधक आते हैं और गुप्त तंत्र साधनाएं करते हैं। अंबुवाची मेला, जो हर साल जून के महीने में होता है, इसी संदर्भ में विश्व प्रसिद्ध है।
ब्रह्मपुत्र नदी का लाल होना – वैज्ञानिक या चमत्कार?
कामाख्या मंदिर से जुड़ा एक प्रमुख रहस्य है ब्रह्मपुत्र नदी का जल लाल हो जाना। मान्यता है कि साल में एक बार, तीन दिनों के लिए मां कामाख्या रजस्वला होती हैं और इस दौरान मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। ठीक उसी समय ब्रह्मपुत्र नदी का पानी लाल हो जाता है। वैज्ञानिक इसे प्राकृतिक घटना मानते हैं, लेकिन भक्तों की नज़र में यह माता का चमत्कार है। इस दौरान मंदिर में किसी को प्रवेश की अनुमति नहीं होती।
तीन दिन बाद जब मंदिर के द्वार खोले जाते हैं, तो मां को चढ़ाया गया सफेद वस्त्र लाल हो चुका होता है, जिसे श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। इसे पवित्र और कल्याणकारी माना जाता है।
प्रतिमा नहीं, दिव्य कुंड है पूजा का केंद्र
कामाख्या मंदिर की एक और रहस्यमयी बात यह है कि यहां देवी की कोई मूर्ति नहीं है। मंदिर के गर्भगृह में एक दिव्य कुंड है, जिसे हमेशा फूलों से ढका रखा जाता है। मान्यता है कि यह कुंड देवी सती की योनि का प्रतीक है, जो शक्तिपीठ बनने का कारण है। इस कुंड से लगातार जल रिसता रहता है, जिसे चमत्कारी और पवित्र माना जाता है।
मोह माया से मुक्ति दिलाने वाला मंदिर
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त इस मंदिर के तीन बार दर्शन कर लेता है, वह सांसारिक मोह-माया से मुक्ति पा जाता है। यहां साधना करने वाले कहते हैं कि इस स्थान की ऊर्जा अत्यंत शक्तिशाली है, जो साधक को आध्यात्मिक ऊँचाई तक पहुँचा सकती है।

