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हनुमान जी का जन्म कहां हुआ? क्‍या वो अजन्मे हैं? क्या वो प्रगट हुए? वीडियो में देखें इसके पीछे की आलोकिक कथा

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हनुमान जी का जन्म एक अलौकिक और दिव्य घटना से जुड़ा हुआ है, जो न केवल उनकी महानता को प्रमाणित करता है, बल्कि उनके अद्भुत शक्तियों के स्रोत को भी उजागर करता है। आइए जानते हैं हनुमान जी के जन्म और उनकी अस्तित्व की रहस्यमय कथा के बारे में, जो पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है।

हनुमान जी का जन्म - एक अलौकिक कथा:

हनुमान जी का जन्म भगवान शिव के अंश से हुआ था। हालांकि, उनकी उत्पत्ति की पूरी कथा बहुत ही दिलचस्प है और इसे रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों में विस्तार से वर्णित किया गया है।

1. कुम्भकर्ण और शिव के अंश का रहस्य:

हनुमान जी का जन्म किसी सामान्य तरीके से नहीं हुआ था। इसके पीछे एक आलोकिक घटना है। कहा जाता है कि हनुमान जी भगवान शिव के अंश से उत्पन्न हुए थे। उनके जन्म का मुख्य कारण उनकी माता अंजनि की तपस्या थी। अंजनि ने भगवान शिव से एक पुत्र की प्राप्ति के लिए कठिन तपस्या की थी, जिसके परिणामस्वरूप भगवान शिव ने उन्हें आशीर्वाद दिया और हनुमान जी का जन्म हुआ।

2. माता अंजनि और पवन देव का आशीर्वाद:

माता अंजनि के साथ-साथ पवन देव (वायु देव) भी हनुमान जी के जन्म में शामिल थे। एक दिन पवन देव ने अंजनि को आशीर्वाद दिया कि वह भगवान शिव के अंश से एक महान पुत्र को जन्म देंगी। इसके बाद, हनुमान जी का जन्म हुआ। कुछ कथाएं यह भी कहती हैं कि हनुमान जी ने एक प्रगट रूप लिया था, मतलब उन्होंने किसी विशेष समय में अवतार लिया था।

3. हनुमान जी के अजन्मे होने का रहस्य:

कुछ अन्य कथाओं के अनुसार, हनुमान जी अजन्मे हैं। इसका मतलब यह है कि वह निराकार रूप में पहले से ही अस्तित्व में थे और उनका जन्म केवल एक रूपांतरण था, जब उन्होंने पृथ्वी पर अवतार लिया। उनका जन्म वास्तव में एक प्रगट रूप में हुआ था, जो उनकी अनंत शक्ति और दिव्यता को प्रदर्शित करता है।

4. श्रीराम से संबंधित कथा:

हनुमान जी का जन्म श्रीराम के साथ गहरा संबंध रखता है। जब श्रीराम को रावण से सीता को बचाने के लिए मदद की आवश्यकता पड़ी, तो हनुमान जी ने अपने अद्वितीय बल और बुद्धिमता से राम की सहायता की। यही कारण था कि हनुमान जी ने अपने जन्म से पहले की स्वीकृति और भूमिका को पूरी तरह से निभाया।

निष्कर्ष:

हनुमान जी का जन्म एक अद्भुत और आलोकिक घटना है। उनका जन्म एक दिव्य उद्देश्य को लेकर हुआ था, और वह पवित्र शक्तियों का प्रतीक माने जाते हैं। हनुमान जी का जन्म न केवल उनकी महानता को प्रमाणित करता है, बल्कि उनके अजन्मे और प्रगट रूप के बारे में कई रहस्यमयी कथाएं भी प्रकट होती हैं। हनुमान जी के जीवन की यह कथा उनके भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, और यह दर्शाती है कि जब भी भक्तों को संकट आता है, हनुमान जी उनके साथ होते हैं।

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