जब भानगढ़ के रहस्य खोलने गई पैरानॉर्मल एक्सपर्ट्स की टीम, रात में जो हुआ CCTV फुटेज में उसे देखकर कांप उठेगी आत्मा
राजस्थान का भानगढ़ किला अपनी डरावनी कहानियों और रहस्यमयी घटनाओं के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। दिन में सैलानियों की चहल-पहल से भरा रहने वाला ये किला जैसे ही सूरज ढलता है, वीरान और खौफनाक सन्नाटे में तब्दील हो जाता है। सरकार द्वारा सूर्यास्त के बाद किले में प्रवेश वर्जित किया गया है, लेकिन इसके बावजूद भूत-प्रेत और अदृश्य शक्तियों की सच्चाई जानने के लिए कई रिसर्च टीमें और साहसी लोग यहां रात बिताने की कोशिश कर चुके हैं। ऐसी ही एक घटना तब सामने आई जब एक पैरानॉर्मल रिसर्च टीम ने भानगढ़ के रहस्यों की सच्चाई जानने के लिए आधी रात को वहां रिसर्च करने का फैसला लिया।
रिसर्च की शुरुआत और किले में प्रवेश
यह घटना कुछ वर्ष पहले की है, जब देशभर से चुने गए अनुभवी पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर्स की एक टीम – जिसमें 6 सदस्य थे – ने भानगढ़ किले की सुपरनैचुरल घटनाओं की तह तक जाने का निर्णय लिया। उनका उद्देश्य था कैमरे, थर्मल डिटेक्टर्स और अन्य साइंटिफिक उपकरणों के जरिए यह पता लगाना कि क्या वाकई इस जगह पर कुछ अलौकिक होता है या यह केवल भ्रम और कहानियाँ हैं।टीम ने सरकार से अनुमति ली, स्थानीय प्रशासन की निगरानी में पूरी योजना बनाई गई। दिन ढलने से पहले वे किले के अंदर पहुँचे और सभी तकनीकी उपकरणों को सेट कर दिया गया। हर कोने में कैमरे लगाए गए, माइक्रोफोन लगाए गए ताकि सबसे छोटी आवाज़ भी रिकॉर्ड हो सके।
रात के अंधेरे में शुरू हुआ खौफ
शुरुआत के कुछ घंटे सामान्य रहे। टीम सदस्यों ने किले के मुख्य हिस्सों – रानी की हवेली, बावड़ी, मंदिर और टूटे हुए महल – में घूमकर रिकॉर्डिंग शुरू की। लेकिन जैसे ही रात का तीसरा पहर शुरू हुआ, अजीब घटनाएं होने लगीं।सबसे पहले एक सदस्य ने दावा किया कि उसने पीछे से किसी के चलने की आवाज सुनी, जबकि वहां कोई नहीं था। कुछ देर बाद, कैमरे ने खुद-ब-खुद मूव करना शुरू कर दिया। उसी दौरान एक कमरे में रखा थर्मल डिटेक्टर अचानक तेज आवाज करने लगा और उसमें एक अनजानी आकृति दिखी – मानो कोई साया वहां से गुजर गया हो।
कैमरे में कैद हुआ अनदेखा साया
टीम की सदस्य रीना सिंह ने बताया कि जब वह किले के पिछले हिस्से में एक सुनसान कमरे की ओर गईं, तो वहां उन्हें एक हल्की सी परछाईं दिखी जो तेजी से दीवार में समा गई। उन्होंने तुरंत उस दिशा में कैमरे का फोकस किया, और वहां एक धुंधली काली आकृति कैद हुई। वीडियो रिकॉर्डिंग में साफ दिखा कि कुछ था जो स्थूल नहीं था, लेकिन उसकी उपस्थिति वातावरण में भारीपन ला रही थी।
एक सदस्य की तबीयत अचानक बिगड़ी
रात के लगभग 3 बजे टीम का एक सदस्य – अभिषेक – अचानक चिल्लाने लगा। वह कह रहा था कि किसी ने उसके गले को जकड़ लिया है। उसकी सांसें फूल रही थीं और शरीर कांप रहा था। टीम तुरंत उसे बाहर लेकर गई और प्राथमिक उपचार दिया गया। अजीब बात यह थी कि उस कमरे में जहां ये घटना हुई, वहां का तापमान अचानक 8 डिग्री सेल्सियस नीचे गिर चुका था, जबकि बाकी हिस्सों में सामान्य था।
सुबह का इंतजार और अनुभव की पुष्टि
रात भर टीम डरी-सहमी रही, लेकिन उन्होंने रिसर्च जारी रखी। कई बार उन्हें खड़खड़ाहट, महिलाओं के रोने जैसी आवाजें और लोहे की चेन घसीटने की आवाजें सुनाई दीं। कैमरों की रिकॉर्डिंग में कुछ धुंधली आकृतियाँ और रहस्यमयी हलचल दर्ज हुई।सुबह होते ही टीम किले से बाहर निकली और पूरे अनुभव को एक रिपोर्ट के रूप में डॉक्यूमेंट किया। इस रिपोर्ट में उन्होंने स्पष्ट रूप से लिखा कि भानगढ़ किला सिर्फ कहानियों का हिस्सा नहीं है, बल्कि यहां वाकई कोई ऐसी ऊर्जा है जो इंसानी समझ से परे है।
स्थानीय लोगों की मान्यता को मिली पुष्टि
भानगढ़ के आसपास रहने वाले ग्रामीण वर्षों से दावा करते आ रहे हैं कि किले में रात्रि के समय आवाजें आती हैं, चीजें अपने आप हिलती हैं और कई बार लोगों को किले के पास बेहोशी तक का अनुभव होता है। रिसर्च टीम की रिपोर्ट ने इन दावों को और बल दे दिया। उन्होंने माना कि यह स्थान उन दुर्लभ जगहों में से एक है जहां अदृश्य शक्तियों की उपस्थिति संभव है।
यह घटना भले ही विज्ञान के उपकरणों से जाँची गई, लेकिन फिर भी कई सवाल अनुत्तरित रह गए। यह स्पष्ट हो गया कि भानगढ़ की दीवारों के पीछे कुछ ऐसा है जो न तो पूरी तरह विज्ञान से समझा जा सकता है और न ही पूरी तरह नकारा जा सकता है। टीम का अनुभव न केवल खौफनाक था, बल्कि यह एक चेतावनी भी थी कि हर रहस्य को चुनौती देना हमेशा सुरक्षित नहीं होता।

