जब मुर्दो ने भी चुकाया था कब्रिस्तान में रहने के लिए 433 करोड़ का टैक्स, जानें क्या हैं पूरा मामला ?

अजब गजब न्यूज डेस्क !! आयकर विभाग उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करता है जिनके पास काला धन है या गलत पैसे का लेनदेन है। आपने इनकम टैक्स छापे के बारे में तो कई बार सुना होगा. इनकम टैक्स की छापेमारी में कई लोगों के घर से करोड़ों रुपये बरामद होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि इनकम टैक्स ने कब्रिस्तानों पर छापा मारकर वहां लाशों के पास से करोड़ों रुपये बरामद किए हों. कुछ साल पहले तमिलनाडु में ऐसा हुआ था.
एक साथ 72 जगहों पर छापेमारी की गई
दरअसल, साल 2019 में जनवरी के आखिरी हफ्ते में आयकर विभाग ने तमिलनाडु के मशहूर सरवाना स्टोर्स, लोटस ग्रुप और जी स्क्वायर के करीब 72 दफ्तरों पर छापेमारी की थी. ये छापेमारी चेन्नई और कोयंबटूर में की गई. इन तीनों कंपनियों के मालिकों ने पैसे, हीरे-जवाहरात छिपाने के लिए कई चीजें कब्रिस्तान में छिपा दी थीं.
मिला 433 करोड़ का खजाना!
28 जनवरी को आयकर विभाग द्वारा की गई छापेमारी से ज्यादा कुछ नहीं निकला. दरअसल, कंपनी के मालिकों को इनकम टैक्स छापे की जानकारी पहले ही मिल गई थी. ऐसे में तीनों कंपनियों के कर्मचारियों ने ज्यादातर पैसे, सोना और हीरे एक एसयूवी में छिपा दिए और चेन्नई की सड़कों पर चलाने लगे. इस गाड़ी में मौजूद सामान की कुल कीमत करीब 433 करोड़ रुपये थी.
कब्रिस्तान में दफनाया गया
छापेमारी के बाद इनकम टैक्स अधिकारियों को जानकारी मिली कि एक गाड़ी लगातार चेन्नई की सड़कों पर घूम रही है और उसमें ढेर सारा काला धन और आभूषण हैं. पुलिस की मदद से गाड़ी की तलाशी ली गई तो कुछ नहीं मिला। हालांकि, सख्ती से पूछताछ के बाद ड्राइवर ने खुलासा किया कि उसने कई बोरियां श्मशान घाट में छिपाकर रखी हैं.
खजाना मिल गया
इसके बाद आयकर अधिकारियों ने कब्रिस्तान में खुदाई शुरू कर दी. खुदाई के दौरान आयकर अधिकारियों को करीब 10 लाख रुपये बरामद हुए. 25 करोड़ कैश, 12 किलो सोना और 626 कैरेट हीरे जब्त किए गए. ऑपरेशन 28 जनवरी को शुरू हुआ और 9 दिन बाद ख़त्म हुआ. इस ऑपरेशन के खत्म होने के बाद आयकर अधिकारियों ने कंप्यूटर से डिलीट हुए डेटा को रिकवर करने के लिए आईटी प्रोफेशनल्स की मदद ली.