ज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन हर इंसान की ज़रूरत बन चुका है। एक क्लिक में दुनिया से जुड़ना हो या यादगार लम्हों को संजोना हो—हर काम स्मार्टफोन से ही होता है। खासकर युवाओं में सेल्फी लेने का क्रेज किसी जुनून से कम नहीं है। लेकिन कई बार यही जुनून खतरनाक साबित हो जाता है। कुछ ऐसा ही हैदराबाद में देखने को मिला, जहां एक युवक ने चलती ट्रेन के सामने सेल्फी वीडियो लेने की कोशिश की और उसकी जान पर बन आई।
हादसा जो सबक बन गया
हैदराबाद में शिवा नाम का एक युवक रविवार सुबह सेल्फी वीडियो लेने के चक्कर में एक गंभीर हादसे का शिकार हो गया। दरअसल, वह रेलवे ट्रैक के किनारे खड़ा होकर एक तेज रफ्तार ट्रेन के सामने वीडियो बना रहा था। वह वीडियो में मुस्कुराता हुआ दिख रहा था और हाथ से ट्रेन की दिशा की ओर इशारा कर रहा था। अचानक ट्रेन पास आई और शिवा उसकी चपेट में आ गया।
हालांकि, गनीमत रही कि उसकी जान बच गई, लेकिन इस हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे सिर में गहरी चोटें आई हैं और अभी एक निजी अस्पताल में भर्ती है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
वीडियो हुआ वायरल, लोगों ने की कड़ी निंदा
हादसे के तुरंत बाद शिवा का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में वह बिंदास अंदाज में खड़ा नजर आ रहा है, मानो उसे किसी खतरे की परवाह ही न हो। लेकिन अगली ही पल ट्रेन की टक्कर से उसकी हालत गंभीर हो जाती है। वीडियो वायरल होते ही लोगों ने इस हरकत की जमकर निंदा की।
सोशल मीडिया यूजर्स ने शिवा को "पब्लिसिटी के लिए जान खतरे में डालने वाला मूर्ख" बताया और अन्य युवाओं से ऐसी हरकत न करने की अपील की। कुछ ने लिखा कि "लाइक और व्यूज के लिए जान गंवाना कोई समझदारी नहीं है।" वहीं कुछ यूजर्स ने यह सवाल भी उठाया कि ऐसी घटनाएं रोकने के लिए रेलवे और प्रशासन क्या कदम उठा रहा है?
पुलिस और रेलवे प्रशासन की प्रतिक्रिया
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यह हादसा भगत नगर रेलवे स्टेशन के पास हुआ। यह इलाका हैदराबाद के बाहरी क्षेत्र में स्थित है, जहां से मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (MMTS) की ट्रेनें गुजरती हैं। पुलिस ने कहा कि युवक के खिलाफ रेलवे संपत्ति के दुरुपयोग और जानबूझकर खतरे में डालने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।
रेलवे अधिकारियों ने इस घटना पर चिंता जताते हुए कहा है कि "रेलवे ट्रैक पर इस तरह की हरकतें न केवल खुद के लिए बल्कि ट्रेन चालक और यात्रियों के लिए भी खतरनाक हो सकती हैं।"
युवाओं में बढ़ती 'वायरल' बनने की सनक
यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी युवक ने सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली हो। इससे पहले भी कई मामलों में लोग ऊंची इमारतों पर, समुद्र किनारे लहरों के बीच या फिर पहाड़ों की खतरनाक चट्टानों पर सेल्फी लेने के चक्कर में अपनी जान गंवा चुके हैं। भारत में सेल्फी से होने वाली मौतों के मामले दुनियाभर में सबसे ज्यादा हैं।
जान बची, मगर सवाल बाकी
शिवा की जान तो बच गई, लेकिन यह घटना कई गंभीर सवाल छोड़ जाती है—क्या सोशल मीडिया पर एक वीडियो के लिए इंसान अपनी जान की परवाह नहीं करता? क्या युवाओं में 'वायरल' होने की चाह इस कदर बढ़ गई है कि वे मौत के मुंह में जाने को भी तैयार हैं?
क्या है समाधान?
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को जागरूकता फैलानी चाहिए कि जान जोखिम में डालने वाले कंटेंट को प्रमोट नहीं किया जाएगा।
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शिक्षा संस्थानों में डिजिटल सेफ्टी और सोशल मीडिया एथिक्स को पढ़ाया जाना चाहिए।
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रेलवे को हाई-रिस्क जोन पर बोर्ड और कैमरों की मदद से निगरानी बढ़ानी चाहिए।
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अभिभावकों और समाज को युवाओं से बातचीत कर उनके मन में 'वायरल होने की दौड़' को समझाना चाहिए।
निष्कर्ष
एक सेल्फी वीडियो की सनक ने हैदराबाद के शिवा को जिंदगी और मौत के बीच ला खड़ा किया। यह घटना युवाओं के लिए एक चेतावनी है कि इंटरनेट की दुनिया में 'वायरल' होने की होड़ में कहीं असली जिंदगी की अहमियत न भूल जाएं। ध्यान रखें—लाइक, कमेंट और व्यूज दोबारा मिल सकते हैं, लेकिन जान नहीं।