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यहां मिली हजारों साल पुरानी पौराणिक वस्तुएं और ममी, देखकर लोगों की निकल गई चीख

कुछ लोग असाधारण प्रतिभा के साथ पैदा होते हैं. जिससे वो दुनिया में अपना नाम रोशन करते हैं. ऐसी ही एक महिला थी अमेरिका की रहने वाली रोज मेरी बेंटले. वह एक तैराक थीं और उनके पांच बच्चे भी थे. रोज मेरी अपने पति के साथ एक स्टोर चलाती थीं. जहां पशुओं का चारा मिला करता था. 99 साल में उनकी मौत हो गई. मौते बाद जब उनके शव को पोर्टलैंड के हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी को डोनेट किया कर दिया गया.  उसके बाद उनके शरीर का मेडिकल के कुछ स्टूडेंट्स ने अपनी पढ़ाई के दौरान उनके मृत शरीर की जांच की. जिसमें हैरान करने वाले कई रहस्य मिले. पढ़ाई के दौरान स्टूडेंट्स को रोज मेरी के सभी अंदरुनी अंग अपनी जगह पर नहीं मिले. जिसे देखकर छात्र दंग रह गए. छात्रों को ये समझ में नहीं आया कि आखिर कोई इंसान शरीर की इतनी सारी विकृतियों के बावजूद 99 साल तक जिंदा कैसे रह सकता है.  संबंधित कहानियां दरअसल, रोज मेरी के शरीर के अंदरूनी अंग गलत जगह पर थे. यही नहीं इन अंगों में कुछ का आकार सामान्य नहीं था तो कुछ अपनी जगह पर नहीं थे, यानि जहां किडनी होनी चाहिए वहां किडनी नहीं थी और जहां हार्ट होना चाहिए वहां हार्ट नहीं था और ये सभी अंग दूसरी जगह लगे हुए थे.  वैज्ञानिक भाषा में इसे लेवोकार्डिया और साइटस इनवर्सस कहा जाता है और रोज मेरी 99 साल तक एक दम स्वस्थ स्थिति में जीती रहीं. बता दें कि इस स्थिति में शरीर के अंदरूनी अंग उलटे हो जाते हैं. छात्रों के प्रोफेसर कैमरन वॉकर ने जांच के बाद बताया कि, जिस तरह से बेंटली के शरीर में इतनी पेचीदगी पायी गई ऐसा 5 करोड़ में से किसी एक इंसान के अंदर हो होने की संभावना होती है.      बता दें कि बेंटली के राइट फेफड़े में तीन के बजाय दो लोब यानि हिस्से थे, इस खुलासे के बाद रोज मेरी बेंटली की बेटी जिंजर रॉबिन्स ने बताया कि उनकी मां को कभी कोई दिक्कत नहीं थी. वह हमेशा स्वस्थ रहती थीं और बहुत अच्छी तैराक थीं. एनाटॉमी के छात्र नीलसन के मुताबिक, उनके दिल में एक बड़ी नस गायब थी, जो सामान्य तौर पर दाईं ओर पाई जाती है.  बाद में वह उनके शरीर में बाईं ओर मिली. वहीं हार्ट का राइट एट्रीअम सामान्य आकार से दोगुना बड़ा था. यही नहीं रोज मेरी का पाचन तंत्र भी उल्टा था प्रोफेसर कैमरन वॉकर के मुताबिक, उनके शरीर में में लेफ्ट साइट में पेट होने के बजाय, राइट साइट में था. उसका जिगर भी राइट साइट में था जो लेफ्ट साइट में होना चाहिए. वहीं उनका पाचन तंत्र भी उल्टा था. मेडिकल साइंस में इसे चमत्कार कहा जा सकता है.

दुनिया के कोने-कोने में आज भी इतिहास की परतों में कई राज छिपे हुए हैं। कभी किसी गुफा से इंसानों की नई प्रजाति मिलती है, तो कभी हजारों साल पुरानी सभ्यता के प्रमाण। हाल ही में मिस्र के अल घोरिफा इलाके में एक ऐसा ही चौंका देने वाला रहस्य सामने आया है, जिसने इतिहास प्रेमियों और वैज्ञानिकों को रोमांचित कर दिया है।

2500 साल पुरानी ममी और पौराणिक वस्तुओं की खोज

मिस्र के अल घोरिफा कब्रिस्तान में पुरातत्वविदों की एक टीम ने खुदाई के दौरान ढाई हजार साल पुरानी ममी को खोज निकाला है। इस ममी के साथ-साथ वहां से करीब 3000 साल पुरानी कई पौराणिक वस्तुएं भी बरामद हुई हैं।

इस ऐतिहासिक खोज का लाइव प्रसारण डिस्कवरी चैनल पर किया गया, जिसे "Expedition Unknown: Egypt Live" नाम दिया गया। इस शो के दौरान दुनिया ने उस क्षण को लाइव देखा जब एक पत्थर के ताबूत को खोला गया और उसमें से सोने की पट्टियों में लिपटी ममी सामने आई।

किसकी ममी है ये?

पुरातत्वविद् जॉस गेट्स और मिस्र के प्रसिद्ध पुरातत्वविद् जाहि हवास के अनुसार, यह ममी किसी उच्च कोटि के पुजारी की हो सकती है। ममी को इस तरह से सोने की पट्टियों से लपेटा गया था, जैसा केवल खास दर्जे के लोगों के लिए किया जाता था।

यह खोज न केवल मिस्र की प्राचीन संस्कृति को समझने में मदद करेगी, बल्कि इससे यह भी पता चलता है कि मृत्यु के बाद जीवन को लेकर मिस्रवासियों की मान्यताएं कितनी मजबूत थीं।

ममी के साथ मिलीं रहस्यमयी वस्तुएं

इस ताबूत में केवल ममी ही नहीं, बल्कि कई पौराणिक वस्तुएं भी मिली हैं:

  • प्राचीन मिस्र का बोर्ड गेम, जिसे आत्मा की यात्रा में मार्गदर्शक माना जाता था।

  • कुत्तों की हड्डियां, जिससे माना जा रहा है कि मृतक के साथ उनके पालतू जानवरों को भी दफनाया गया होगा।

  • चार कांच की बोतलें, जिनमें ममी के आंतरिक अंग (जैसे लीवर, फेफड़े आदि) सुरक्षित रखे गए हैं—ये मिस्र की दफनाने की परंपरा का अहम हिस्सा हैं।

अन्य ममियां भी मिलीं

इस खुदाई में कुल तीन ममियां मिली हैं। दो अन्य ममियों के ताबूतों पर मौजूद लिपियों और चित्रों के मुताबिक, एक ममी मंदिर में गायिका की थी। यह जानकारी यह दर्शाती है कि सिर्फ पुजारियों को ही नहीं, बल्कि अन्य धार्मिक सेवकों को भी खास दर्जा दिया जाता था।

पुजारी का संरक्षित सिर भी मिला

खुदाई के दौरान एक और पुजारी का सिर भी मिला है, जिसे विशेष तरीके से संरक्षित करके रखा गया था। यह सिर मिस्र की ममीकरण कला की उत्कृष्टता का एक और प्रमाण है।

पुरातत्वविद गेट्स का कहना है कि इतनी अच्छी हालत में इतनी पुरानी ममियां मिलना बहुत ही दुर्लभ घटना है। यह खोज मिस्र के इतिहास को एक नई दिशा दे सकती है।

क्यों है ये खोज खास?

  • इतिहास के एक अनछुए अध्याय को उजागर करना

  • मिस्र की धार्मिक परंपराओं और मृत्यु संस्कारों को समझने का नया अवसर

  • ममी के साथ मिली वस्तुओं से प्राचीन जीवनशैली और सामाजिक संरचना पर नई जानकारियां

निष्कर्ष: हर परत के नीचे छिपा है इतिहास का खजाना

मिस्र हमेशा से रहस्यमयी पिरामिडों और ममियों के लिए जाना जाता रहा है, लेकिन अल घोरिफा की यह खोज एक बार फिर यह साबित करती है कि इतिहास अभी भी जिंदा है, और हर नई खोज के साथ हमें हमारे अतीत को समझने का एक नया मौका मिलता है।

यह ममी केवल एक शरीर नहीं, बल्कि एक सभ्यता की कहानी है, जो हजारों साल बाद भी हमें कुछ सिखाने आई है।

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