यहां मिली हजारों साल पुरानी पौराणिक वस्तुएं और ममी, देखकर लोगों की निकल गई चीख

दुनिया के कोने-कोने में आज भी इतिहास की परतों में कई राज छिपे हुए हैं। कभी किसी गुफा से इंसानों की नई प्रजाति मिलती है, तो कभी हजारों साल पुरानी सभ्यता के प्रमाण। हाल ही में मिस्र के अल घोरिफा इलाके में एक ऐसा ही चौंका देने वाला रहस्य सामने आया है, जिसने इतिहास प्रेमियों और वैज्ञानिकों को रोमांचित कर दिया है।
2500 साल पुरानी ममी और पौराणिक वस्तुओं की खोज
मिस्र के अल घोरिफा कब्रिस्तान में पुरातत्वविदों की एक टीम ने खुदाई के दौरान ढाई हजार साल पुरानी ममी को खोज निकाला है। इस ममी के साथ-साथ वहां से करीब 3000 साल पुरानी कई पौराणिक वस्तुएं भी बरामद हुई हैं।
इस ऐतिहासिक खोज का लाइव प्रसारण डिस्कवरी चैनल पर किया गया, जिसे "Expedition Unknown: Egypt Live" नाम दिया गया। इस शो के दौरान दुनिया ने उस क्षण को लाइव देखा जब एक पत्थर के ताबूत को खोला गया और उसमें से सोने की पट्टियों में लिपटी ममी सामने आई।
किसकी ममी है ये?
पुरातत्वविद् जॉस गेट्स और मिस्र के प्रसिद्ध पुरातत्वविद् जाहि हवास के अनुसार, यह ममी किसी उच्च कोटि के पुजारी की हो सकती है। ममी को इस तरह से सोने की पट्टियों से लपेटा गया था, जैसा केवल खास दर्जे के लोगों के लिए किया जाता था।
यह खोज न केवल मिस्र की प्राचीन संस्कृति को समझने में मदद करेगी, बल्कि इससे यह भी पता चलता है कि मृत्यु के बाद जीवन को लेकर मिस्रवासियों की मान्यताएं कितनी मजबूत थीं।
ममी के साथ मिलीं रहस्यमयी वस्तुएं
इस ताबूत में केवल ममी ही नहीं, बल्कि कई पौराणिक वस्तुएं भी मिली हैं:
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प्राचीन मिस्र का बोर्ड गेम, जिसे आत्मा की यात्रा में मार्गदर्शक माना जाता था।
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कुत्तों की हड्डियां, जिससे माना जा रहा है कि मृतक के साथ उनके पालतू जानवरों को भी दफनाया गया होगा।
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चार कांच की बोतलें, जिनमें ममी के आंतरिक अंग (जैसे लीवर, फेफड़े आदि) सुरक्षित रखे गए हैं—ये मिस्र की दफनाने की परंपरा का अहम हिस्सा हैं।
अन्य ममियां भी मिलीं
इस खुदाई में कुल तीन ममियां मिली हैं। दो अन्य ममियों के ताबूतों पर मौजूद लिपियों और चित्रों के मुताबिक, एक ममी मंदिर में गायिका की थी। यह जानकारी यह दर्शाती है कि सिर्फ पुजारियों को ही नहीं, बल्कि अन्य धार्मिक सेवकों को भी खास दर्जा दिया जाता था।
पुजारी का संरक्षित सिर भी मिला
खुदाई के दौरान एक और पुजारी का सिर भी मिला है, जिसे विशेष तरीके से संरक्षित करके रखा गया था। यह सिर मिस्र की ममीकरण कला की उत्कृष्टता का एक और प्रमाण है।
पुरातत्वविद गेट्स का कहना है कि इतनी अच्छी हालत में इतनी पुरानी ममियां मिलना बहुत ही दुर्लभ घटना है। यह खोज मिस्र के इतिहास को एक नई दिशा दे सकती है।
क्यों है ये खोज खास?
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इतिहास के एक अनछुए अध्याय को उजागर करना
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मिस्र की धार्मिक परंपराओं और मृत्यु संस्कारों को समझने का नया अवसर
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ममी के साथ मिली वस्तुओं से प्राचीन जीवनशैली और सामाजिक संरचना पर नई जानकारियां
निष्कर्ष: हर परत के नीचे छिपा है इतिहास का खजाना
मिस्र हमेशा से रहस्यमयी पिरामिडों और ममियों के लिए जाना जाता रहा है, लेकिन अल घोरिफा की यह खोज एक बार फिर यह साबित करती है कि इतिहास अभी भी जिंदा है, और हर नई खोज के साथ हमें हमारे अतीत को समझने का एक नया मौका मिलता है।
यह ममी केवल एक शरीर नहीं, बल्कि एक सभ्यता की कहानी है, जो हजारों साल बाद भी हमें कुछ सिखाने आई है।