
दुनियाभर से कई बार ऐसी घटनाएं सामने आती हैं जो न केवल समाज को झकझोर कर रख देती हैं, बल्कि इंसानियत पर भी सवाल खड़े कर देती हैं। जानवरों के साथ यौन दुर्व्यवहार जैसे घिनौने मामलों की कड़ी में एक नया मामला मिस्र (इजिप्ट) से सामने आया है, जहां एक महिला को बंदर के साथ अश्लील हरकत करने के आरोप में दोषी ठहराते हुए अदालत ने उसे तीन साल की सजा सुनाई है। यह मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर हड़कंप मच गया है और लोगों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।
वायरल वीडियो से खुला मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपी महिला का नाम बासमा अहमद बताया गया है। यह मामला तब सामने आया जब सोशल मीडिया पर 90 सेकेंड का एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें वह एक पालतू जानवरों की दुकान पर खड़ी नजर आ रही है और बंदर के गुप्तांग को छूते हुए दिखाई देती है। वीडियो में मौजूद अन्य लोग इस दौरान हंसते हुए दिखाई देते हैं, जिससे यह भी संकेत मिलता है कि वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने वीडियो बनाया और जानबूझकर उसे इंटरनेट पर डाला।
महिला का बचाव, लेकिन अदालत ने नहीं माना
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद महिला को पहले चार दिन के लिए हिरासत में लिया गया था। हालांकि बाद में सरकारी वकीलों की अपील पर यह अवधि बढ़ाकर 15 दिन कर दी गई। पूछताछ के दौरान महिला ने दावा किया कि उसका इरादा किसी प्रकार की अश्लील हरकत करने का नहीं था। उसने यह भी कहा कि उसे यह नहीं पता था कि कोई उसका वीडियो बना रहा है और यह सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जाएगा। महिला का यह भी कहना था कि वह जानबूझकर ऐसा नहीं कर रही थी, बल्कि यह सब एक मजाक की तरह था।
अदालत का सख्त फैसला
हालांकि अदालत ने महिला की दलीलों को खारिज कर दिया और वीडियो को साक्ष्य मानते हुए उसे दोषी ठहराया। अदालत ने बासमा अहमद को "जानवर के साथ यौन शोषण", "सार्वजनिक स्थल पर अश्लील हरकतें करने" और "समाज में गलत संदेश फैलाने" के आरोप में दोषी माना और तीन साल की सजा सुनाई। इस फैसले को मिस्र में एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि यह पहली बार है जब किसी महिला को जानवर के साथ किए गए आपत्तिजनक कृत्य के लिए सजा सुनाई गई है।
पहले भी दर्ज हो चुके हैं मामले
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यह पहला मामला नहीं है जिसमें बासमा अहमद पर आरोप लगे हैं। इससे पहले भी दो अलग-अलग मामलों में उस पर सार्वजनिक जगहों पर अश्लील हरकतें करने का आरोप लग चुका है। हालांकि पहले के मामलों में उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था, लेकिन इस बार कोर्ट ने गंभीर रुख अपनाते हुए उसे कठोर सजा सुनाई।
सामाजिक प्रतिक्रिया और सवाल
यह मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भारी गुस्सा देखा जा रहा है। कई लोगों ने सवाल उठाए हैं कि आखिर ऐसे लोगों को समाज में कैसे खुला छोड़ा जा सकता है जो जानवरों तक के साथ आपत्तिजनक हरकत करने से नहीं चूकते। पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी इस मामले पर नाराज़गी जताई है और मांग की है कि ऐसे अपराधों के लिए और कठोर कानून बनाए जाएं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
पशुओं के अधिकारों की सुरक्षा पर चर्चा
इस घटना ने एक बार फिर से पशु अधिकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अक्सर जानवरों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की घटनाएं सामने आती रहती हैं लेकिन कानूनी तौर पर इन पर सख्त कार्यवाही कम ही देखने को मिलती है। हालांकि इस मामले में अदालत द्वारा दिया गया फैसला एक सशक्त उदाहरण बन सकता है।